शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि सरकारी, सहायता प्राप्त और ग़ैर सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रमुख सिर्फ़ 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को विद्यालय बुला सकते हैं. कक्षा 10वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा 1 अप्रैल से 15 अप्रैल, 2021 तक और कक्षा 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा 3 मार्च से 15 अप्रैल, 2021 तक आयोजित की जाएगी.
केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर वाले इलाकों के लिए प्रभावी दिशानिर्देशों को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया है. साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चरणबद्ध तरीके से स्कूल और कोचिंग संस्थान खोलने पर फ़ैसला करने की अनुमति दी गई है.
अनलॉक-5 के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कैंटोनमेंट जोन के बाहर 15 अक्टूबर के बाद विशेष छूट के साथ 200 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति देने का अधिकार होगा. नए दिशानिर्देश बिहार में 27 अक्टूबर से तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यदि एक स्कूल ख़ुद ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का फ़ैसला करता है तो उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर और वंचित वर्ग के छात्रों के पास भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो. ऐसा न करना डिजिटल भेदभाव के साथ शिक्षा के अधिकार क़ानून के प्रावधानों का उल्लंघन भी है.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी में स्कूलों के बंद होने से दुनिया के क़रीब एक अरब बच्चों की शिक्षा तक पहुंच संभव नहीं हो पा रही है. वहीं, 34.70 करोड़ बच्चे पोषाहार के लाभ से वंचित हैं.
अनलॉक-4 के दिशानिर्देशों में गृह मंत्रालय ने आंशिक रूप से स्कूल खोलने की बात कही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में जारी निर्देशों में कहा है कि केवल कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर के स्कूल खोले जा सकते हैं. कंटेनमेंट ज़ोन में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों या अन्य स्टाफ को स्कूल आने की इजाज़त नहीं होगी.
अनलॉक-4 के दिशानिर्देशों में 22 मार्च से बंद दिल्ली मेट्रो को चरणबद्ध तरीके से संचालन शुरू करने की अनुमति दी गई है. साथ ही कहा गया है कि केंद्र से परामर्श किए बिना राज्य सरकारें कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर कोई स्थानीय लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगी.
बचपन से ही सुनते आए हैं कि गुरु-शिष्य परंपरा के समाप्त हो जाने से ही शिक्षा व्यवस्था में सारी गड़बड़ी पैदा हुई है. लेकिन इस परंपरा की याद किसके लिए मधुर है और किसके लिए नहीं, इस सवाल पर विचार तो करना ही होगा.
कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब राज्य सरकारें मोबाइल और टीवी के ज़रिये छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. ऐसी कोशिश बिहार सरकार द्वारा भी की गई है, लेकिन आर्थिक-सामाजिक असमानता के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों तक इन माध्यमों से शिक्षा पहुंचा पाना बेहद कठिन है.
वीडियो: 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का वादा किया था. बीते पांच साल में सरकारी स्कूल और शिक्षा कितनी बदली, इस पर बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों से रीतू तोमर की बातचीत.
वीडियो: विधानसभा चुनाव में दिल्ली की स्कूली शिक्षा में हुए बदलाव की चर्चा ज़ोरों पर है. हालांकि राजधानी दिल्ली के ही एक इलाके में आज भी कुछ लड़कियों को स्कूल जाने के लिए खुद नाव चलाना पड़ता है. अविचल दुबे की रिपोर्ट.
राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राष्ट्र में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसमें हमारे संविधान निर्माण की प्रस्तावना और भावों के प्रसार से ही हम देश में परस्पर सद्भाव, एकता, अखण्डता को कायम रख सकते हैं.
कांग्रेस विधायक और मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे ताकि वे इसका महत्व जानें. सरकार का यह काफी पुराना प्रस्ताव है लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे. मंत्री ने कहा कि छात्र हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद प्रस्तावना का पाठ करेंगे.
मुल्क की सियासत अब ज़्यादा शिद्दत से पहचान की राजनीति के गिर्द नाच रही है. राम को इमाम-ए-हिंद कहने वाले इक़बाल की दुआ को मदरसे की दुआ कहकर सीमित किया जा रहा है, लेकिन देश के बच्चे शायद इक़बाल की दुआ के सबक़ के माने समझ रहे हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने पीलीभीत के एक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर पर राष्ट्रगान की जगह इक़बाल की प्रार्थना गवाने का आरोप लगाया. उनसे शिकायत नहीं पर जिलाधीश से है. उन्होंने जिस प्रार्थना के लिए हेडमास्टर को दंडित किया, क्या उसके बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं? क्या अब हम ऐसे प्रशासकों की मेहरबानी पर हैं जो विश्व हिंदू परिषद का हुक्म बजाने के अलावा अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल भूल चुके हैं?