ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि एक एनर्जी परियोजना में संभावित रिश्वतखोरी को लेकर अडानी समूह के साथ इस जांच के दायरे में भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी- एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सेबी को बेदाग़ बताया गया है, जबकि समूह पर लगे आरोपों को लेकर सवाल सेबी के नियामक के बतौर कामकाज पर भी हैं.
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ख़ुद को सहारा इंडिया परिवार का मुख्य संरक्षक कहने वाले सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 75 वर्ष के थे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि ‘ताज़ा खुलासे’ से पता चलता है कि ओपल इन्वेस्टमेंट नामक कंपनी, जो अडानी पावर में 8,000 करोड़ रुपये की इक्विटी को नियंत्रित करती है, को मई 2019 में दुबई में एक ‘सिंगल पर्सन फर्म’ के रूप में स्थापित किया गया था. इस खुलासे से अडानी की शेल कंपनियों के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों की दुर्गंध और ज़्यादा तेज़ हो गई है.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दायर किया गया, जिसमें अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल ने सेबी पर आरोप लगाया है कि उसने अडानी की ओर से स्टॉक मार्केट में हेराफेरी करने से संबंधित राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के 2014 के अलर्ट को छिपाया था.
वीडियो: हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में समूह के प्रमोटर भी विदेश में पैसा भेजकर इसके स्टॉक में हेराफेरी और स्टॉक कीमत बढ़ाने का फ्रॉड कर रहे हैं. अब खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर प्रमोटरों के नाम का ख़ुलासा किया है.
अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार अडानी को क्यों बचा रहे हैं.
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बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद सेबी मामले की जांच कर रहा है. सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए सेबी लंबा समय नहीं ले सकता है. हम उसे तीन महीने का समय देंगे.
बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था.