वीडियो: हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में समूह के प्रमोटर भी विदेश में पैसा भेजकर इसके स्टॉक में हेराफेरी और स्टॉक कीमत बढ़ाने का फ्रॉड कर रहे हैं. अब खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर प्रमोटरों के नाम का ख़ुलासा किया है.
अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी द्वारा प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय अख़बारों- द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार अडानी को क्यों बचा रहे हैं.
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बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद सेबी मामले की जांच कर रहा है. सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच के लिए सेबी लंबा समय नहीं ले सकता है. हम उसे तीन महीने का समय देंगे.
बीते जनवरी माह में अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था.
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रहे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अब तक की जांच में 12 संदिग्ध लेन-देन के अलावा, उसने और भी संभावित उल्लंघन पाए हैं, जिनकी जांच पूरी करने के लिए कम से कम छह माह की ज़रूरत होगी.
पत्रकार करण थापर से बातचीत में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ संबंधों से जुड़े आरोपों पर कहा, 'मालूम नहीं कि मोदी साहब को कोई सलाह देता है या नहीं, मैं दे रहा हूं कि मेहरबानी करके अडानी से हाथ छुड़ा लीजिए. लोग ये मानने लगे हैं कि अडानी के आर्थिक मामलों में इनकी दिलचस्पी है.'
बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद कंपनी के शेयरो में भारी गिरावट देखी गई थी. इसके बाद 1 फरवरी को समूह ने 20,000 करोड़ रुपये के अपने पूरी तरह सब्सक्राइब्ड हो चुके एफपीओ को वापस ले लिया था.
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का नतीजा यह रहा कि अडानी समूह द्वारा कुछ निवेशों को रोक दिया गया, इसके अलावा पूंजीगत व्यय में कटौती की गई और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक अलग दृष्टिकोण पर विचार किया जाने लगा.
अडानी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड ने इसकी एक कंपनी मुंद्रा पेट्रोकेम लिमिटेड का काम अगली सूचना तक रोक दिया है. यह निर्णय अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह पर बड़े पैमाने पर ऑडिट धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर के आरोप लगाने वाली रिपोर्ट सामने आने के दो महीने बाद आया है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने पर अडानी समूह की ओर से कहा गया था कि विनोद अडानी, समूह की किसी भी सूचीबद्ध संस्था या उसकी सहायक कंपनियों में कोई प्रबंधकीय पद नहीं रखते हैं और उनके दैनिक मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं है. समूह की ओर से अब कहा गया है अडानी समूह और विनोद अडानी को एक माना जाना चाहिए.