दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से शरजील इमाम की ज़मानत पर अगले महीने तक फैसला करने को कहा

छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से जेल में हैं और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा 13 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है. वह अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सज़ा की आधी से अधिक काट चुके हैं और प्रावधान के तहत ज़मानत के हक़दार हैं.

जेल में शरजील इमाम के चार साल: न दोषसिद्धि, न एक्टिविस्टों का साथ

आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.

दिल्ली के उपराज्यपाल और उनके आकाओं के शासन में सहनशीलता के लिए कोई जगह नहीं है: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भड़काऊ भाषण से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने के दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के क़दम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जब भाषण दिए जाते हैं, भले ही अन्य लोग उनसे कितना भी असहमत हों, सरकार को सहिष्णुता और सहनशीलता दिखानी चाहिए.

16 भारतीय पत्रकारों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं, वर्तमान में 7 सलाखों के पीछे हैं

पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, छात्रों, श्रमिकों और आदिवासियों पर आरोप लगाने के लिए यूएपीए का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) और छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) और आईपीसी में राजद्रोह जैसे अन्य कठोर अधिनियम भी लागू किए गए हैं.

आपराधिक क़ानून में बदलावों पर विपक्ष ने कहा- छाप छोड़ने की नकारात्मक इच्छा से प्रेरित

आपराधिक न्याय प्रणाली के औपनिवेशिक स्वरूप को बदलने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन नए विधेयक पेश किए हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसकी प्रेरणा हर चीज़ पर अपनी छाप छोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है.

रूपेश समेत सभी पत्रकारों की रिहाई पत्रकारिता ही नहीं, लोकतंत्र बचाने का अनिवार्य हिस्सा है

रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.

प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अपशब्द बोलना अपमानजनक है, लेकिन राजद्रोह नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट

राजद्रोह का मामला रद्द करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि बच्चों को सरकार की नीतियों की आलोचना करना न सिखाएं. मामला कर्नाटक के बीदर स्थित शाहीन स्कूल से जुड़ा है. साल 2020 में यहां के छात्रों द्वारा सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ एक नाटक का मंचन करने पर विवाद हो गया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी के समक्ष भारत में प्रेस स्वतंत्रता संबंधी मुद्दे उठाने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए हुए हैं. इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने एक बयान जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आह्वान किया है कि उन्हें इस अवसर का उपयोग भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को मोदी के समक्ष उठाने के लिए करना चाहिए.

मणिपुर में फिर हिंसा भड़की, भीड़ ने भाजपा नेताओं के घर जलाने की कोशिश की

पुलिस और सेना के सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार को मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले के क्वाकटा और चूड़ाचांदपुर ज़िले के कांगवई से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई. उधर, असम राइफल्स को हालिया हिंसा का ज़िम्मेदार बताने वाला लेख लिखने के लिए मेईतेई संगठन के एक नेता पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.

कर्नाटक: सीएए-एनआरसी पर नाटक करने के लिए स्कूल के ख़िलाफ़ दर्ज राजद्रोह का मुकदमा रद्द

जनवरी 2020 में कर्नाटक के बीदर स्थित शाहीन स्कूल के कुछ छात्रों ने सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए एक नाटक में भाग लिया था, तब पुलिस ने राजद्रोह और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था.

केंद्र सरकार राजद्रोह क़ानून को और अधिक कठोर बनाने की योजना बना रही है: कांग्रेस

विधि आयोग ने विवादास्पद राजद्रोह क़ानून को कुछ बदलावों के साथ बरक़रार रखने का प्रस्ताव दिया है. इसके तहत सज़ा की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर सात साल करने का भी सुझाव दिया गया है. मई 2022 में शीर्ष अदालत ने इस क़ानून पर तब तक रोक लगा दी थी, जब तक सरकार इसकी समीक्षा न कर ले.

भारत के प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में गिरावट शर्मिंदगी भरी, पर उनके लिए जिनमें शर्म हो: पी. साईनाथ

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में भारत 11 स्थान फिसला है. पिछले साल कुल 180 देशों में यह 150वें पायदान पर था, इस साल यह 161वें स्थान पर पहुंच गया है.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 11 स्थान फिसला, 180 देशों में 161वें स्थान पर

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में भारत के संदर्भ में कहा गया है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ मानहानि, राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डालने के आरोप बढ़ रहे हैं. पिछले साल इस सूचकांक में भारत 150वें पायदान पर था.

सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करना राजद्रोह नहीं है: पूर्व सीजेआई

एक पत्रकारिता सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति और पत्रकार का अधिकार है. मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है.

दिल्ली: सेना पर विवादित ट्वीट के लिए एलजी ने शेहला राशिद के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी दी

अगस्त 2019 में जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व नेता शेहला राशिद ने सिलसिलेवार ट्वीट कर भारतीय सेना पर जम्मू कश्मीर में लोगों को उठाने, छापेमारी करने और लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे. अब इसके लिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनके ख़िलाफ़ सीआरपीसी की धारा 196 के तहत मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी दी है.

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