2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या में मूर्तियों की स्थापना की बेहद महत्वाकांक्षी राजनीति भी शुरू की थी. हालांकि अपने अंतर्विरोधों के कारण यह राजनीति अब कई मायनों में उसके लिए फांस बनती दिख रही है.
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन सेवा, निमित्त उत्सवों आदि को रामानंदी पद्धति से करना तय किया है. यह संप्रदाय रामभक्ति की विभिन्न धाराओं व शाखाओं के बीच समन्वय, वर्ण-विद्वेष को धता बताने के लिए जाना जाता है, जो बहुलवाद की अनुपस्थिति वाली ट्रस्ट के उलट है.