हमारा संविधान: अनुच्छेद-15 भेदभाव के ख़िलाफ़ निषेध

वीडियो: भारत में धर्म, कुल, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. संविधान का अनुच्छेद 15 क्या कहता है? कैसे न्यायालयों ने भेदभाव करने वाले बहुत सारे क़ानूनों को ग़ैर-संविधानिक क़रार दिया.

बलात्कार, यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के नाम और पहचान का खुलासा न किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक ​मीडिया को निर्देश दिया कि मृत और मानसिक रूप से अस्वस्थ पीड़ितों की पहचान किसी भी तरह से उजागर नहीं की जा सकती है, चाहे इसमें माता-पिता की सहमति ही क्यों न हों. कोर्ट ने समाचार चैनलों से ऐसे मुद्दे को टीआरपी के लिए सनसनी बनाने से बचने को कहा.

बलात्कार को लिंग निरपेक्ष अपराध बनाने के लिए याचिका पर विचार से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

याचिका में कहा गया था कि धारा 376 सिर्फ महिलाओं को पीड़ित और पुरुषों को अपराध करने वाला मानती है. इसमें महिला द्वारा महिला पर गैर-सहमति से यौन हिंसा या फिर पुरुष द्वारा दूसरे पुरुष या फिर किसी ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्ति द्वारा दूसरे ऐसे ही व्यक्ति पर या किसी पुरुष के साथ महिला द्वारा किए गए अपराध को शामिल नहीं किया गया है.

कैसे दूरदर्शन का सेक्स एजुकेशन पर बना सीरियल लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गया

दूरदर्शन का यह धारावाहिक बेहद सहज तरीके से सेक्स एजुकेशन, बच्चों में अंतर रखने और घरेलू हिंसा जैसे विषयों पर जानकारी दे रहा है. इसे अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा दर्शकों ने देखा है.