केरल: गर्भपात की अपील लेकर हाईकोर्ट पहुंच रहीं नाबालिग रेप पीड़िताओं की संख्या बढ़ी

सितंबर में केरल हाईकोर्ट में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था समाप्त करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी. तीसरे मामले में नाबालिग बलात्कार पीड़िता के आठ सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति मांगी गई है.

मैसूर गैंगरेप मामलाः तमिलनाडु से पांच गिरफ़्तार, आरोपियों में से एक के नाबालिग होने की सूचना

बीते 24 अगस्त को मैसूर शहर के बाहरी इलाके में एक एमबीए छात्रा के साथ कथित रूप से लगभग छह लोगों ने बलात्कार किया और उनके पुरुष मित्र पर भी हमला किया था. मामले का एक आरोपी अब भी फ़रार है. पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिया गया एक आरोपी 17 साल का है, जिसकी जांच की जानी है. घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनज़र मैसूर विश्वविद्यालय ने शाम 6:30 बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगा

मैसूर गैंगरेप: गृहमंत्री बोले- पीड़ितों को सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए था, आलोचना के बाद पलटे

बीते 24 अगस्त को मैसूर शहर के बाहरी इलाके में एक छात्रा के साथ कथित रूप से पांच लोगों ने बलात्कार किया और उनके पुरुष मित्र पर भी हमला किया. इसके बाद गृहमंत्री अर्गा ज्ञानेंद्र ने कहा था कि वह सुनसान जगह है, उन्हें वहां नहीं जाना चाहिए था. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गृहमंत्री के बयान से असहमति जताते हुए उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था.

कर्नाटक: छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, जांच के आदेश

घटना मैसूर शहर के बाहरी इलाके में हुई. बताया गया है कि छात्रा मंगलवार को अपने पुरुष मित्र के साथ चामुंडी हिल्स की ओर से आ रही थीं, जब एक समूह ने उन्हें रोककर पैसे मांगे. पैसे न मिलने उन्होंने पुरुष पर हमला किया और छात्रा के साथ बलात्कार किया.

तरुण तेजपाल मामले में सत्र अदालत का फ़ैसला बलात्कार पीड़िताओं के लिए ‘नियमावली’ जैसा: हाईकोर्ट

पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सत्र अदालत को नोटिस भेजा है. हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र अदालत का निर्णय रेप पीड़िताओं के लिए मैनुअल जैसा है जहां यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में एक पीड़िता को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.

तरुण तेजपाल फ़ैसला पूर्वाग्रह और पितृसत्ता के रंग में रंगा हुआ है: गोवा सरकार

एक सत्र अदालत द्वारा पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने को गोवा सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कहा कि मामले में दोबारा सुनवाई इसलिए हो क्योंकि जज ने पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता से निंदनीय, असंगत और अपमानजनक सवाल पूछने की मंज़ूरी दी.

तरुण तेजपाल फ़ैसला: जज के लिए महिला कटघरे में थीं, आरोपी नहीं

तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने का फ़ैसला पीड़ित महिलाओं को लेकर प्रचलित पूर्वाग्रहों पर आधारित है. उचित संदेह के आधार पर हुई न्यायिक जांच से मिली बेगुनाही का विरोध कोई नहीं करता, पर इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि बलात्कार की सर्वाइवर्स को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर ज़रूर मिले.

तरुण तेजपाल के बरी होने पर गोवा सरकार ने कहा- फ़ैसला त्रुटिपूर्ण और चौंकाने वाला

बीते 21 मई को गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने के मामले से बरी करते हुए कहा था कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की ‘सच्चाई पर संदेह पैदा करने’ वाले ‘तथ्य’ मौजूद हैं.

तरुण तेजपाल फ़ैसला: अदालत ने कहा- महिला ने ऐसा ‘व्यवहार’ नहीं किया, जैसा यौन उत्पीड़न पीड़ित करती हैं

तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल को सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करते हुए गोवा की सत्र अदालत की जज क्षमा जोशी ने कहा कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की 'सच्चाई पर संदेह पैदा करने' वाले 'तथ्य' मौजूद हैं. गोवा सरकार ने इस निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

तरुण तेजपाल को बरी किए जाने पर महिला पत्रकारों ने निराशा जताई, कहा- न्याय पाने की लड़ाई कठिन

तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.

गोवा की एक अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में बरी किया

‘तहलका’ पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. अदालत के फैसले के बाद अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. बरी किए जाने के बाद तेजपाल ने कहा कि पिछले साढ़े सात साल उनके परिवार के लिए घाव देने वाले रहे हैं, क्योंकि उन्हें उन पर लगाए गए झूठे आरोपों के कारण विनाशकारी नतीजों का सामना करना

दिल्ली: नेशनल बुक ट्रस्ट के संपादक के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज

पुलिस ने बताया कि नेशनल बुक ट्रस्ट के मलयालम विभाग के एक संपादक के ख़िलाफ़ एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि संपादक से कथित यौन उत्पीड़न मामले में पूछताछ की गई है, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया है.

एक व्यक्ति द्वारा पीड़िता का मुंह बंद करना, बिना हाथापाई उसके कपड़े उतरना असंभवः हाईकोर्ट

बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के दो आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि पीड़िता की गवाही आरोपी को अपराधी ठहराने का भरोसा कायम नहीं करती है. इसी पीठ ने लड़की के वक्षस्थल को छूने के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि ‘त्वचा से त्वचा’ का संपर्क नहीं हुआ था.

नाबालिग का हाथ पकड़ना, पैंट की जिप खोलना पॉक्सो के तहत यौन हमला नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बीते 19 जनवरी को एक अन्य मामले में बाॅम्बे हाईकोर्ट की इसी पीठ ने अपने एक बेहद विवादित फैसले में कहा था कि त्वचा से त्वचा का संपर्क हुए बिना नाबालिग पीड़िता का स्तन स्पर्श करना, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के तहत यौन हमला नहीं कहा जा सकता. इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है.

पाॅक्सो के तहत यौन उत्पीड़न के दोषी को बरी करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो और आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पॉक्सो से जुड़े मामले में बरी करते हुए कहा था कि स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना यौन हमला नहीं माना जा सकता. इस फैसले पर विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ कर फ़ैसले पर स्वतः संज्ञान लिया था.