बलात्कार मामले में तरुण तेजपाल की बंद कमरे में सुनवाई की मांग वाली याचिका ख़ारिज

2013 के बलात्कार मामले में तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के ख़िलाफ़ दायर अपील पर तेजपाल के बंद कमरे में सुनवाई के अनुरोध से मना करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि किसी जज को यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करने का अधिकार है कि महिला निडर होकर अपना बयान दे. किसी आरोपी के लिए ऐसा नहीं किया जा सकता है.

हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले की सुनवाई बंद कमरे में करने का तरुण तेजपाल का आग्रह ठुकराया

तरुण तेजपाल ने 2013 बलात्कार मामले में उन्हें बरी किए जाने के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका की बंद कमरे में सुनवाई करने का अनुरोध किया था, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस एमएस जवलकर की पीठ ने ख़ारिज कर दिया.

तरुण तेजपाल मामला: गोवा सरकार ने कोर्ट में कहा- निचली अदालत का फ़ैसला पांचवीं सदी के अनुरूप

गोवा की एक सत्र अदालत द्वारा पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के मामले से बरी करने को गोवा सरकार ने चुनौती दी है. राज्य सरकार ने कोर्ट में निचली अदालत के निर्णय को प्रतिगामी बताते हुए कहा कि मामले की सर्वाइवर को सार्वजनिक तौर पर शर्मसार किया गया.

तरुण तेजपाल मामले में सत्र अदालत का फ़ैसला बलात्कार पीड़िताओं के लिए ‘नियमावली’ जैसा: हाईकोर्ट

पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सत्र अदालत को नोटिस भेजा है. हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र अदालत का निर्णय रेप पीड़िताओं के लिए मैनुअल जैसा है जहां यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में एक पीड़िता को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.

तरुण तेजपाल फ़ैसला पूर्वाग्रह और पितृसत्ता के रंग में रंगा हुआ है: गोवा सरकार

एक सत्र अदालत द्वारा पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने को गोवा सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कहा कि मामले में दोबारा सुनवाई इसलिए हो क्योंकि जज ने पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता से निंदनीय, असंगत और अपमानजनक सवाल पूछने की मंज़ूरी दी.

तरुण तेजपाल फ़ैसला: जज के लिए महिला कटघरे में थीं, आरोपी नहीं

तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने का फ़ैसला पीड़ित महिलाओं को लेकर प्रचलित पूर्वाग्रहों पर आधारित है. उचित संदेह के आधार पर हुई न्यायिक जांच से मिली बेगुनाही का विरोध कोई नहीं करता, पर इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि बलात्कार की सर्वाइवर्स को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर ज़रूर मिले.

तरुण तेजपाल के बरी होने पर गोवा सरकार ने कहा- फ़ैसला त्रुटिपूर्ण और चौंकाने वाला

बीते 21 मई को गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने के मामले से बरी करते हुए कहा था कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की ‘सच्चाई पर संदेह पैदा करने’ वाले ‘तथ्य’ मौजूद हैं.

तरुण तेजपाल फ़ैसला: अदालत ने कहा- महिला ने ऐसा ‘व्यवहार’ नहीं किया, जैसा यौन उत्पीड़न पीड़ित करती हैं

तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल को सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करते हुए गोवा की सत्र अदालत की जज क्षमा जोशी ने कहा कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की 'सच्चाई पर संदेह पैदा करने' वाले 'तथ्य' मौजूद हैं. गोवा सरकार ने इस निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

तरुण तेजपाल को बरी किए जाने पर महिला पत्रकारों ने निराशा जताई, कहा- न्याय पाने की लड़ाई कठिन

तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.

बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी पर भी लगा यौन उत्पीड़न का आरोप

#मीटू: बीसीसीआई के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने राहुल जौहरी से इस मामले पर एक हफ्ते में सफाई देने को कहा है.

#मीटू: दिल्ली में पत्रकारों का प्रदर्शन, कहा कार्यस्थल पर यौन शोषण स्वीकार्य नहीं

नई दिल्ली के संसद मार्ग पर हुए प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोपियों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की.

स्टैंड-अप कॉमेडियन कनीज़ सुरका ने कॉमेडियन अदिति मित्तल पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप

कनीज़ सुरका ने आरोप लगाया कि अदिति मित्तल ने एक स्टेज शो के दौरान तकरीबन 100 लोगों के बीच उन्हें जबरन किस किया था. कनीज़ के ट्वीट को रिट्वीट करने के बाद अदिति ने उनसे बिना शर्त माफ़ी मांग ली है.

‘लड़कियों के लिए न्यूज़रूम तक पहुंचना जितना मुश्किल है, उससे ज़्यादा मुश्किल वहां टिके रहना है’

न्यूज़रूम की कहानियां: मेरे साथ किसी तरह की बदतमीज़ी नहीं की गई, खुले तौर पर कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ, पर संगठित होकर इस तरह का माहौल बनाया गया, जिसमें काम करना मुश्किल होता गया और आख़िरकार मैंने नौकरी छोड़ दी.

एडिटर्स गिल्ड ने मीडिया संस्थानों से यौन उत्पीड़न के मामलों में पूरी जांच कराने को कहा

‘मीटू’ अभियान को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए किसी भी शख़्स को क़ानून के हिसाब से दंडित किया जाना चाहिए. देश में प्रेस की आज़ादी के लिए निष्पक्ष, न्यायोचित और सुरक्षित कार्य वातावरण ज़रूरी है.