बीते जून में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के छात्र संगठन एमएसएफ की महिला इकाई हरिथा की तीन नेताओं ने उनके तीन पुरुष सहकर्मियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर हरिथा ने राज्य महिला आयोग का रुख़ किया, जिसके बाद पार्टी ने शिकायत वापस न लेने पर 'अनुशासनहीनता' का आरोप लगाते हुए हरिथा की राज्य समिति को भंग कर दिया.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि साल 2021 के गत आठ महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 19,953 शिकायतें मिलीं, जिनमें सर्वाधिक 10,084 उत्तर प्रदेश से आईं. इसके बाद दिल्ली से 2,147, हरियाणा से 995 और महाराष्ट्र से 974 शिकायतें मिलीं.
बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक ढुल्लू महतो पर आरोप है कि वे अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर कोयला क्षेत्र में रेलवे लाइन बिछाने के काम में रंगदारी की मांग कर रहे थे. महतो पर उनकी ही पार्टी की एक महिला नेता का यौन उत्पीड़न करने समेत दर्जन भर से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं.
अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेतीतिया जेम्स द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांचकर्ताओं ने करीब पांच महीने जांच की और 179 लोगों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने पाया कि न्यूयॉर्क के गवर्नर और डेमोक्रेट एंड्रयू कुओमो के प्रशासन में कामकाज का ख़राब माहौल है और यह भय पर आधारित है.
द वायर सहित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने सिलसिलेवार रिपोर्ट्स में बताया है कि देश के केंद्रीय मंत्रियों, 40 से ज़्यादा पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, एक मौजूदा जज, कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं समेत 300 से अधिक भारतीय फोन नंबर उस लीक डेटाबेस में थे, जिनकी पेगासस से हैकिंग हुई या वे संभावित निशाने पर थे.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन तंत्र विकसित किया है, जिसे शी-बॉक्स कहा जाता है. राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार इसमें विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से ऐसी 391 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 150 एक जनवरी 2020 से अब तक की हैं.
पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा एक्सेस किए गए लीक डेटा से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी और उनके परिवार द्वारा इस्तेमाल किए गए 11 नंबरों को एक अज्ञात आधिकारिक एजेंसी द्वारा पेगासस स्पायवेयर द्वारा हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.
यह घटना साल 2018 की है. मुंबई की विशेष अदालत ने कहा कि घटना के समय पीड़ित की उम्र 13 साल थी और वह नियमित तौर पर बेस्ट बस से स्कूल जाती थी. उस समय आरोपी की उम्र 54 साल थी और उसने बच्ची से ऐसे शब्द कहे, जिससे उसके मन में इतना डर पैदा हो गया कि उसने बस से स्कूल जाने से इनकार कर दिया. इस तरह की घटनाएं बच्चियों के विकास में बाधा डालती हैं.
क़रीब दो महीने पहले तमिलनाडु के एक कोच पी. नागराजन पर 19 साल की राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट ने यौन योषण के आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने बताया कि जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस प्रकाशित करने के बाद कई और महिलाएं समान आरोपों के साथ सामने आई हैं.
अदालत के आदेश के बाद हरिद्वार ज़िले के ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया. विधायक ने कहा कि उनकी जान को ख़तरा है. रंगदारी के आरोप में जेल गए लोग उनके ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं. बीते 26 मई को विधायक ने शिकायतकर्ता महिला, उसके पति और तीन अन्य के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराकर उन पर ब्लैकमेल करने और 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के कोठीभार थाना क्षेत्र का मामला. पंचायत ने आरोपी पर 50 हज़ार रुपये का आर्थिक दंड भी दिया है. पंचायत के फैसले से नाखुश लड़की के परिवार ने पुलिस थाने में केस दर्ज कराया है. पुलिस ने बताया कि मेडिकल परीक्षण में बलात्कार की पुष्टि हो जाने के बाद संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पाकिस्तान में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बीच हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर कोई महिला कम कपड़े पहन रही है तो इसका असर पुरुषों पर होगा, जब तक कि वे रोबोट नहीं हैं. इस बयान के बाद से वह विपक्षी महिला सांसदों के निशाने पर आ गए हैं. उनके इस बयान की निंदा की जा रही है.
गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.
गुजरात के जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल का मामला है. महिला कर्मचारियों ने बताया कि उनके सुपरवाइज़रों ने यौन संबंध बनाने के उनके प्रस्तावों को ठुकराने वाली अटेंडेंट्स को लगभग तीन महीने का वेतन दिए बिना निकाल दिया. राज्य सरकार इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.