Shaheen Bagh Protest

दिल्ली दंगा: दो तथाकथित फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट की समीक्षा जवाबों की बजाय सवालों को गहराती है

उत्तर पूर्वी दिल्ली में बीते फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा को ‘लेफ्ट-जिहादी-नेटवर्क’ द्वारा करवाया ‘हिंदू-विरोधी’ दंगा बताकर पेश करने की कोशिशें की गई हैं. लेकिन सच्चाई क्या है?

New Delhi: Police take away an unidentified person after he allegedly opened fire in the Shaheen Bagh area of New Delhi, Saturday, Feb. 1, 2020. Many anti-CAA protestors have been staging a peaceful demostration in the area for since Dec. 15, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma) (PTI2_1_2020_000214B)

सीएए प्रदर्शनः शाहीन बाग में गोली चलाने वाले युवक को ज़मानत

शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल बैंसला को अदालत ने पच्चीस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. कपिल ने एक फरवरी की शाम को शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन स्थल के पास फायरिंग की थी.

शाहीन बाग में एहतियाती कदम के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया. हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया.

शाहीन बाग प्रदर्शन: वार्ताकारों ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट, अगली सुनवाई 26 फरवरी को

जब इस मामले में पक्षकारों ने वार्ताकारों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की प्रति मांग तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी कुछ समय तक के लिए इसे गोपनीय रखा जाएगा.

कपिल मिश्रा का पुलिस को अल्टीमेटम, तीन दिन में सड़क खाली कराएं वरना हम आपकी भी नहीं सुनेंगे

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक समूहों के बीच रविवार को झड़प हो गई. जाफराबाद से सटे मौजपुर में दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी. सुरक्षा कारणों के चलते मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं.

वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा- शाहीन बाग में धरना शांतिपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था.

शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सड़क खोली

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों वरिष्ठ अधिवक्ताओं संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन और प्रदर्शनकारियों के बीच सड़कों को अवरुद्ध किए जाने से लोगों को हो रही समस्या को लेकर तीन दिन चली बातचीत के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.

सीएए के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन के चलते दिल्ली का जाफराबाद मेट्रो स्टेशन बंद

इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग पहुंचे, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं. जाफराबाद में यह प्रदर्शन ऐसे समय किया जा रहा है जब शाहीन बाग में पिछले दो महीने से सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास जारी है.

सीएए विरोधी जनांदोलन से पैदा हो रहे गीत और कविताएं प्रतिरोध की नई इबारत लिख रहे हैं

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन के मद्देनज़र लिखी गईं कविताएं युवाओं के बीच कविता की लोकप्रियता के प्रति उम्मीद तो जगाती ही हैं, साथ ही इन्होंने युवाओं को सामाजिक-राजनीतिक सरोकारों के प्रति भी सचेत किया है.

शाहीन बाग: चौबीस घंटे धरना दे रहीं महिलाएं घर कैसे संभाल रहीं हैं?

वीडियोः बीते दो से अधिक महीनों से नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाएं अपना घर-बार कैसे संभाल रहीं हैं और शाहीन बाग से प्रदर्शन स्थल को कहीं और शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर ये महिलाएं क्या सोचती हैं। इन्हीं मुद्दों पर रीतू तोमर की इन महिलाओं से बातचीत।

Shaheen Bagh CAA Protests Reuters

शाहीन बाग़: ‘गांधीजी की अहिंसा की लड़ाई ऐसी ही थी जैसी हमारी, हमारे पास भी बस आवाज़ है’

शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ बैठी महिलाओं का कहना है कि मज़हबी होने का मतलब कट्टरता नहीं बल्कि भाईचारा है. हम हर मज़हब और उसके मानने वालों की इज्ज़त करते हैं. सब अपने-अपने दस्तूर मानें और माननें दें.

सीएए प्रदर्शनों में हुई मौतों पर बोले आदित्यनाथ, अगर कोई मरने ही आ रहा है तो ज़िंदा कैसे हो जाएगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बयान विधानसभा में विपक्ष के उन आरोपों के जवाब में दिया, जिनमें कहा गया था कि सीएए विरोधी हिंसा में मारे गए सभी लोग पुलिस की गोली से ही मारे गए हैं. आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जो मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं.

संभव है भाजपा नेताओं के ‘गोली मारो’ जैसे घृणा भरे भाषणों से हार हुई हो: अमित शाह

एक कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा केवल जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती है बल्कि चुनावों के माध्यम से अपनी विचारधारा के प्रसार में भरोसा करती है.

क्या भाजपा अंग्रेज़ों की फूट डालो-राज करो की नीति पर चल रही है?

सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों में लंबे समय बाद हिंदू-मुस्लिम एकता वापस नज़र आ रही है, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा में बेचैनी देखी जा सकती है. ऐसी ही बैचेनी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ों में दिखी थी, जिससे निपटने के लिए उन्होंने फूट डालो-राज करो की नीति अपनाई थी.

शाहीन बाग से धरना खत्म करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया

कोर्ट ने केंद्र सरकार को 17 फरवरी तक जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने असुविधाजनक स्थिति का हवाला देते हुए कि इस संबंध में अंतरिम निर्देश जारी करने को कहा, हालांकि पीठ ने इस मांग को खारिज कर दिया.