मथुरा के शाही ईदगाह के परिसर में ‘कृष्ण कूप’ में पूजा की मांग करने वाली एक याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि आवेदन पर कोई आदेश पारित न किया जाए क्योंकि मस्जिद के अस्तित्व से संबंधित मूल मुक़दमा ही इस अदालत के समक्ष लंबित है.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने काशी और मथुरा के संदर्भ में कहा कि मामलों की सुनवाई अदालत में हो रही है, अयोध्या विवाद का समाधान भी अंततः अदालतों के माध्यम से ही निकला. अगर मामला न्यायपालिका द्वारा हल किया जा सकता है तो समान पैमाने के आंदोलन की आवश्यकता कहां है.
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा एक शिकायत में कहा गया था कि शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंध समिति में अनाधिकृत रूप से बिजली चोरी की जा रही है. इस पर मथुरा ज़िला प्रशासन और पुलिस के साथ विद्युत प्रवर्तन दल की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ईदगाह परिसर में ‘अवैध’ कनेक्शन काट दिया और विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत एफ़आईआर दर्ज करवाई है. लखनऊ: मथुरा में रविवार को शाही ईदगाह मस्जिद में ‘अवैध’ बिजली
मथुरा की एक अदालत के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के भूमि विवाद को लेकर मस्जिद परिसर के निरीक्षण का आदेश देने के बाद शाही मस्जिद ईदगाह इंतेजामिया समिति का कहना है कि वे अगली सुनवाई में इस पर आपत्ति दाख़िल करेंगे. वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अदालती आदेश को पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन बताया है.
मथुरा की एक दीवानी अदालत में हिंदू सेना ने भगवान बाल कृष्ण के नाम से याचिका लगाई थी, जो ईदगाह का प्रबंधन करने वाली इंतेजामिया समिति के ख़िलाफ़ दायर की गई थी. याचिका में उस 13.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व को चुनौती दी गई थी, जिस पर ईदगाह बनी हुई है.
वीडियो: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवादों के चलते 1968 के समझौते और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम पर चर्चा हो रही है. इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं याक़ूत अली.
याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र शर्मा ने कथित रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर मौजूद केशव देव मंदिर के गर्भ गृह का ‘शुद्धिकरण’ करने की अनुमति अदालत से मांगी है. दिनेश अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष हैं और उन्होंने 19 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में भी ऐसी ही एक याचिका दाख़िल की थी. दोनों याचिकाएं अदालत में लंबित हैं.
मथुरा की ज़िला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर वह भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंपने के मामले में दिए गए आदेश पर फिर से विचार करते हुए सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया. सितंबर 2020 में इस याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था. इस समय इसी तरह की मांग को लेकर स्थानीय अदालतों में 12 से अधिक और मामले में भी चल रहे हैं.