जम्मू की विशेष अदालत में एनआईए ने कहा कि संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया था और उन्होंने सीमा पर हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों को हथियार हासिल करने में मदद की.
इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ़्तार जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करने में विफल रहने के बाद ज़मानत मिली है.
ऐसे समय में जब हमें यह बताया गया है कि अनुच्छेद 370 का हटना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे निर्णायक क़दम था, तब अगले मिशन पर जा रहे एक वांटेड आतंकी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पकड़े जाने पर यक़ीन करना मुश्किल है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की सिफारिश के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के साथ पकड़े गए दविंदर सिंह को बहादुरी के लिए दिया गया शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक बुधवार को 'वापस' ले लिया गया. सिंह की सेवा से बर्खास्तगी की सिफारिश भी की गई है.
आतंकियों के साथ पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी दविंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान सामने आया है कि सिंह ने आतंकियों को श्रीनगर के हाई-सिक्योरिटी इलाके में स्थित अपने घर में पनाह दी थी.
संसद हमले के आरोपी अफ़ज़ल गुरु ने 2004 में अपने वकील सुशील कुमार को लिखे पत्र में कहा था कि जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप में तैनात डीएसपी दविंदर सिंह ने उसे संसद पर हमले को अंजाम देने वाले लोगों में से एक पाकिस्तानी नागरिक को दिल्ली ले जाने, उसके लिए फ्लैट किराये पर लेने और गाड़ी खरीदने को कहा था.