केरल हाईकोर्ट ने 15 वर्षीय लड़की का कथित रूप से अपहरण और बलात्कार करने के आरोप में 31 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिसका दावा है कि उसने शादी कर ली थी. आरोपी ने तर्क दिया था कि पॉक्सो के तहत उस पर मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह की अनुमति देता है.
बोर्ड ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक बात है कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक का मसौदा तैयार करने से पहले किसी भी मुस्लिम संस्था या किसी भी मुस्लिम विद्वान से कोई राय-मशविरा नहीं किया.