महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2020 के पारित होने पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक के जरिये बंदरगाहों को निजी हाथों में सौंपना चाहती है क्योंकि इसमें बंदरगाहों के प्रबंधन के लिए 13 सदस्यीय बोर्ड का प्रस्ताव किया गया है जिसके सात सदस्य ग़ैर-सरकारी होंगे.