उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में तैनात एक शॉटक्रेट मशीन के एक ऑपरेटर की 24 मार्च को मशीन के फिसलकर खाई में गिरने से मौत हो गई. नवंबर 2023 में सुरंग का एक हिस्सा ढहने के चलते 41 श्रमिक 17 दिन तक फंसे रहे थे.
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नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड पर 26 अक्टूबर, 2018 को आयकर छापे पड़े थे. इसके छह महीने बाद इसने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त खरीदी.
वीडियो: उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले 'नेशनल हीरो' वकील हसन के घर को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण बताते हुए ढहा दिया. उनके परिवार का कहना है कि उनके पास सभी ज़रूरी दस्तावेज़ हैं और इस कार्रवाई की वजह उनकी मुस्लिम पहचान हो सकती है.
उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग के ढह जाने से उसमें फंसे 41 श्रमिकों को बचाने में जब अत्याधुनिक मशीनें और विदेशी विशेषज्ञ विफल हो गए थे, तब वकील हसन के नेतृत्व में रैट माइनर्स की टीम ने बचाव अभियान को अंज़ाम तक पहुंचाया था. अब, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने वकील के मकान को अवैध बताकर ढहा दिया है.
एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग के निर्माण के लिए ज़िम्मेदार ठेकेदार के ख़िलाफ़ अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं कराई है. पिछले साल नवंबर में इस सुरंग के ढहने से 41 मज़दूर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन बाद निकाला जा सकता था.
उत्तराखंड में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में 41 मज़दूर मलबे के नीचे फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन बाद सकुशल बाहर निकाला जा सका था. घटना की जांच रिपोर्ट आए बिना इसका काम फिर शुरू हो गया है. इस बीच मज़दूरों को बचाने वाले रैट होल माइनर्स ने सरकारी पुरस्कार राशि को अपर्याप्त बताकर लेने से इनकार कर दिया है.
झारखंड के खूंटी ज़िले में पत्रकार सोनू अंसारी और यूट्यूबर गुंजन कुमार के ख़िलाफ़ कथित तौर पर सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग ढहने के करीब दो सप्ताह बाद प्रशासन ने इसमें फंसे श्रमिक विजय होरो के ग़रीब परिवार को राशन उपलब्ध कराया था.
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सिल्कयारा सुरंग में निर्माण के दौरान पिछले 5 वर्षों में 19 से 20 बार ढहने की घटनाएं हुई थीं: रिपोर्ट
राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के निदेशक ने बताया कि भूस्खलन की घटनाएं हर सुरंग निर्माण के दौरान होती हैं, लेकिन इस बार हम बदकिस्मत रहे, क्योंकि मज़दूर फंस गए थे. उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से इसमें फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद बाहर निकाला गया है.
उत्तराखंड के सिल्कयारा में ढही सुंरग में 17 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने वाली कंपनी रॉकवेल एंटरप्राइजेज के मालिक वकील हसन ने कहा कि कोई भी ये काम अकेले नहीं कर सकता था. हम यही संदेश सभी को देना चाहते हैं. हम सभी को सद्भाव से रहना चाहिए और नफ़रत का ज़हर नहीं फैलाना चाहिए.
उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे 41 श्रमिकों को सत्रह दिनों के कड़े संघर्ष के बाद आख़िरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. लेकिन वो कौन-सी ग़लतियां थीं, जिनके चलते यह स्थिति पैदा हुई?
उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे वहां काम कर रहे 41 मज़दूर फंस गए हैं. उन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. यह सुरंग 1.5 अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना के हिस्से के रूप में बनाई जा रही है.