नोटबंदी और जीएसटी लाए जाने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्योगों पर इन दोनों के प्रभाव के बारे में संसद को गुमराह किया. सरकारी आश्वासनों पर संसदीय समिति ने भ्रामक बयानों और पूरा सच न बताने के लिए सरकार को फटकारा था और दोनों निर्णयों से हुए नुकसान का फैक्ट-चेक भी किया था.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार के सांठगांठ वाले पूंजीवाद की वजह से छोटे व्यवसायों को नुकसान हो रहा है. आर्थिक लाभ कुछ कंपनियों तक सीमित हो गए हैं और लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का उनसे मुक़ाबला करना असंभव-सा हो गया है.