अगर भ्रष्टाचार की यूनिवर्सिटी बने, तो पीएम मोदी चांसलर बनने के लिए सही व्यक्ति: एमके स्टालिन

तमिलनाडु में वंशवादी राजनीति और भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार की कोई यूनिवर्सिटी बने, तो मोदी इसके चांसलर बनने के लिए सही व्यक्ति होंगे, क्योंकि चुनावी बॉन्ड से लेकर पीएम केयर्स फंड और दागी नेताओं के भगवाकरण की भाजपा की 'वॉशिंग मशीन' तक, भाजपा भ्रष्ट है.

सनातन धर्म पर उदयनिधि की टिप्पणी बोलने की आज़ादी के अधिकार का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट

पिछले साल सितंबर में तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा सनातन धर्म की अवधारणा पर आयोजित सम्मेलन में राज्य कैबिनेट में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. 

अछूत का मतलब दलित नहीं है, कांग्रेस हर बात का राजनीतिकरण करती है: केसी त्यागी

वीडियो: बिहार में नीतीश कुमार फिर एक बार दल बदलकर सरकार बनाने के बाद उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस को 'अछूत' कहा था. इस बदलाव और उनकी टिप्पणी को लेकर उनसे द वायर की श्रावस्ती दासगुप्ता की बातचीत.

‘नीतीश कुमार का स्वार्थ सामाजिक न्याय के संघर्ष को एक क़दम पीछे ले गया है’

वीडियो: नीतीश कुमार के फिर से दल बदलकर सरकार बनाने और इस परिवर्तन के बिहार की राजनीति के प्रभाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा से द वायर की श्रावस्ती दासगुप्ता की बातचीत.

मनोज झा के भाषण को लेकर विवाद की जडे़ं सिर्फ वहीं नहीं, जहां बताई जा रही हैं 

सामाजिक न्याय के लिए लड़ने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादी शक्तियों से किसी सुविचारित दीर्घकालिक रणनीति के बजाय चुनावी समीकरणों के सहारे निपटते रहे. इसने उन्हें सत्ता दिलाई तो भी सामाजिक न्यायोन्मुख नीतियां लागू व कार्यक्रम चलाकर उसकी अपील का विस्तार नहीं किया. 

सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन को नोटिस भेजा

बीते दिनों तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित 'सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में टिप्पणियों और उक्त सम्मेलन की सीबीआई जांच की मांग की गई है.

उदयनिधि के बयान पर आई प्रतिक्रिया दिखाती है कि ‘सनातनी’ झूठ में ही जीना चाहते हैं

उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए? 

उदयनिधि स्टालिन पर हमला करके भाजपा अपने लिए मुसीबत मोल ले रही है

19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.

संविदा आधारित महिला कर्मचारी भी मातृत्व लाभ की हक़दार है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि काम का माहौल इतना अनुकूल होना चाहिए कि एक महिला के लिए व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के संबंध में निर्बाध निर्णय लेना सरल हो और जो महिला करिअर और मातृत्व दोनों को चुनती है, उसे किसी एक निर्णय को लेने के लिए मजबूर न किया जाए.

नीमका: इक्कीसवीं सदी में उत्तर भारत के गांवों के समाजशास्त्र का एक नमूना

आंबेडकर गांवों को भारतीय गणतंत्र की 'इकाई' मानने से इनकार करते हैं, क्योंकि उनके अनुसार गांव में सिर्फ एक समान ग्रामीण नहीं रहते बल्कि 'अछूतों' का 'छूतों' से विभाजन साफ दिखाई देता है. ग्रेटर नोएडा में भारत सरकार द्वारा 'आदर्श गांव' घोषित नीमका में 18 अप्रैल को आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के बाद दलित समुदाय पर लगे आरोपों में यही विभाजन स्पष्ट नज़र आता है.

पॉल रॉबसन की याद…

विशेष: पॉल रॉबसन पिछली सदी के सबसे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सांस्कृतिक व्यक्तित्वों में से एक थे. विश्व शांति की अग्रणी और मानवाधिकारों की मुखर आवाज़ रॉबसन ने अफ़्रीकी-अमेरिकी अश्वेतों के साथ होने वाले नस्ल-भेद के ख़िलाफ़ अनथक संघर्ष किया था.

बिहार की जाति-जनगणना एक साहसिक क़दम है, जिसके प्रभाव राज्य से बाहर तक दिखाई देंगे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का राज्य में जाति जनगणना करवाने का निर्णय 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र राष्ट्रीय राजनीति को बड़े स्तर पर प्रभावित करने का माद्दा रखता है.

आज के राजनीतिक परिदृश्य में शरद यादव जैसे अनुभवी नेता की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती

शरद यादव तकरीबन चार दशक के लंबे राजनीतिक दौर के महत्वपूर्ण किरदार और गवाह रहे हैं. काश, उन्होंने अपनी कोई सुसंगत आत्मकथा लिखी होती, जिससे राजनीति की नई पीढ़ी, ख़ासकर समता, सेकुलरिज़्म और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे युवाओं को सीखने को मिलता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

ईडब्ल्यूएस आरक्षण: जिन लोगों को ‘वो’ साथ बैठाना नहीं चाहते, उनसे दाख़िलों, नौकरी में बराबरी क्यों

प्रतिभा के कारण अवसर मिलते हैं. यह वाक्य ग़लत है. यह कहना सही है कि अवसर मिलने से प्रतिभा उभरती है. सदियों से जिन्होंने सारे अवसर अपने लिए सुरक्षित रखे, अपनी प्रतिभा को नैसर्गिक मानने लगे हैं. वे नई-नई तिकड़में ईजाद करते हैं कि जनतंत्र के चलते जो उनसे कुछ अवसर ले लिए गए, वापस उनके पास चले जाएं.

उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी अपनी लगातार हार से कोई सबक क्यों नहीं सीख रही है

अखिलेश यादव का कहना सही है कि अब भाजपा हर हाल में जीतने के लिए चुनावों में लोकतंत्र को ही हराने पर उतर आती है. लेकिन इसी के साथ बेहतर होगा कि वे समझें कि उनकी व पार्टी की अपील का विस्तार किए बिना वे उसे यह सब करने से कतई नहीं रोक सकते.