अगर कर्पूरी ठाकुर जीवित होते तो मोदी सरकार के ख़िलाफ़ खड़े होते

कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन संघर्ष बताता है कि उनकी और भाजपा की राजनीति में ज़मीन-आसमान का अंतर है. मोदी सरकार का कोई भी नेता कर्पूरी ठाकुर की नैतिकता और ईमानदारी को अपनी जीवन में जगह नहीं देता है. मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न ज़रूर दिया है मगर इसका मक़सद केवल चुनावी हिसाब-किताब है.

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न: क्या मंदिर के बाद भी नरेंद्र मोदी को 2024 का डर सत्ता रहा है?

वीडियो: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले और मंडल-कमंडल राजनीति को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया

'जननायक' के नाम से लोकप्रिय समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को पुरस्कार देने की मांग पिछले कुछ दशकों में बिहार के प्रमुख नेताओं द्वारा की गई थी. 1978 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े, अत्यंत पिछड़े वर्गों, शिक्षित और ग़रीब महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की थी.