पेगासस मामला: सुप्रीम कोर्ट बुधवार के बजाय अब शुक्रवार को करेगा सुनवाई

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार के बजाय शुक्रवार को की जाए क्योंकि बुधवार को वह एक अन्य जिरह में व्यस्त होंगे. वहीं, कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय तकनीकी समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है.

जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पूर्व अधिकारी की बहाली की मांग, विरोध में हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की पूर्व महिला न्यायिक अधिकारी ने एक हाईकोर्ट जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जो जांच में ग़लत साबित हुआ. अब अधिकारी ने इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से नौकरी बहाल करने की मांग की है.

पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अगले हफ्ते अंतरिम आदेश पारित करेगा. मौखिक तौर पर तकनीकी समिति गठित करने के बारे में कोर्ट ने कहा कि वह इसी हफ्ते आदेश देना चाहता था लेकिन जिन लोगों को इसमें लेना था, उनमें से कुछ ने निजी वजहों का हवाला देते हुए इसका हिस्सा बनने से मना कर दिया.

पेगासस: केंद्र ने कहा- वह हलफ़नामा दाख़िल नहीं करना चाहता, कोर्ट बोली- अंतरिम आदेश देंगे

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सरकार ने किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी का खुलासा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा है.

पेगासस जासूसी: केंद्र ने जवाब देने के लिए और समय मांगा, सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर तक टाली सुनवाई

बीते 16 अगस्त को सुनवाई के दौरान केंद्र ने पेगासस जासूसी मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह इज़रायल के एनएसओ समूह के पेगासस स्पायवेयर से जुड़े आरोपों के सभी पहलुओं को देखने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी. अदालत ने कहा था कि हलफ़नामे में सरकार द्वारा स्पायवेयर का इस्तेमाल किए जाने या न होने के आरोपों को संतुष्ट नहीं किया गया है.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि पेगासस का उपयोग किया गया: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि उसके पास सूचना है, जिसे हलफ़नामे के ज़रिये सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. यह इस बात की स्वीकारोक्ति है कि इस स्पायवेयर का उपयोग किया गया.पेगासस जासूसी मामले में केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हलफ़नामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है.

पेगासस मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाले तथ्यों का न करें खुलासा

चीफ जस्टिस एनवी रमना की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर कहा कि सरकार को दस दिनों के भीतर इन आरोपों का जवाब देना होगा कि क्या इजरायली कंपनी के स्पाईवेयर का जासूसी में इस्तेमाल किया गया या नहीं.

कृष्णा नदी जल विवाद: सीजेआई ने आंध्र प्रदेश की याचिका पर सुनवाई से ख़ुद को अलग किया

आंध्र प्रदेश ने तेलंगाना के साथ विवाद को मध्यस्थता से सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को मानने से इनकार कर दिया है. इसके बाद आंध्र प्रदेश से ताल्लुक़ रखने वाले सीजेआई ने मामले की सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया.

अदालत ने केरल सरकार से बकरीद पर कोविड पाबंदियों में तीन दिन छूट देने पर जवाब मांगा

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को पाबंदियों में रियायत की घोषणा करते हुए 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद के मद्देनज़र आवश्यक वस्तुओं के साथ कई अन्य तरह की दुकानों को भी 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुले रखने की अनुमति दी है.

उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश में भी नहीं होगी वार्षिक कांवड़ यात्रा

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के दौरान यात्रा के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक सूचित करने के लिए कहा था. अतिरिक्त मुख्‍य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि राज्य सरकार ने कांवड़ संघों से अपील की थी और वे सभी इस साल यात्रा बंद रखने पर सहमत हो गए हैं. पिछले साल भी महामारी के फैलने के बाद की गई इसी तरह की

जीवन के अधिकार का हवाला देते हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक बात पूरी तरह से साफ़ है कि हम कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश सरकार को 100 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ कांवड़ यात्रा आयोजित करने की अनुमति नहीं दे सकते. हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वतः संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है. यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.

क़ानूनों की सख़्ती को मानवता के चलते स्थगित किया जा सकता है

इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.

दिल्ली दंगा: एलजी के आदेश पर पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता समेत छह वकील नियुक्त

दिल्ली सरकार ने इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा सुझाए गए वकीलों के नामों को स्वीकार करने से मना कर दिया था. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के आदेश को ख़ारिज करते हुए पुलिस द्वारा भेजे गए वकीलों के नाम स्वीकार करने को कहा.

लॉकडाउन: क्या सरकार का ये दावा सही है कि आनंद विहार में झूठी ख़बरों से मज़दूरों की भीड़ जुटी?

बीते 28 मार्च की शाम दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मज़दूरों की भीड़ घर जाने के लिए जुट गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि फेक न्यूज़ के कारण यह भीड़ जुटी थी.

गिद्ध कहकर केंचुआ बनाए रखने की मेहता-मंशा

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों की मुसीबतों को कवर करने वाले पत्रकारों की तुलना गिद्धों से की. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.