गुजरात दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमनाथ मंदिर में पूजा की. भाजपा ने राहुल पर सत्ता पाने के लिए घटिया बयानबाज़ी करने का आरोप लगाया.
सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को पार्टी और सरकार में एक समानांतर सत्ता केंद्र बनने दिया.
राहुल ने थामी पार्टी की कमान. कहा भले ही हम सहमत न हो लेकिन भाजपा को अपना भाई-बहन मानते हैं. वे बदनाम करते हैं, हम सम्मान देते हैं.
कांग्रेस अब तक अगर विजयी होती रही है तो उसका कारण यही था कि वह अपने विरोधियों की मांगों और उनके गुणों को आत्मसात कर लेती थी. जब तक वह ऐसा करती रही तब तक चलती रही और जब छोड़ दिया तो अवसान की ओर बढ़ने लगी.
संसद का शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले बृहस्पतिवार को महिला संगठनों ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग को लेकर रैली निकाली.
अभी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 16 दिसंबर को पार्टी अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे.
मुसलमान का डर दिखा कर हिंदू नौजवानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि रोज़गार मत पूछो, पढ़ाई, अस्पताल मत पूछो, बस देखो कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न बन जाए.
जन गण मन की बात की 160वीं कड़ी में विनोद दुआ राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की प्रक्रिया पर चर्चा कर रहे हैं.
'राहुल गांधी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपने को एक विश्वसनीय नेता के रूप में साबित करने की है जिसमें वह पिछले 15 सालों से विफल रहे हैं.'
हम भी भारत की 11वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 पर चर्चा कर रही हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भावनगर में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर साधा निशाना. कांग्रेस के दो उम्मीदवारों ने एक ही सीट पर भरा नामांकन.
हम भी भारत की 10वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर राजनीतिक विश्लेषक नीरजा चौधरी और वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त से चर्चा कर रही हैं.
राहुल नए रास्तों पर बढ़ रहे हैं और उनके भाषणों को अतीत के मुक़ाबले ज़्यादा कवरेज दिया जा रहा है. वे अब एक हंसमुख, तनावमुक्त और पैने व्यक्ति के तौर पर नज़र आते हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: अपने दो सदस्यों को ही टिकट मिलने से पाटीदार अमानत आंदोलन समिति कांग्रेस से नाराज, सभी सीटों पर लड़ेगी राकांपा, कांग्रेस से बातचीत रही विफल.
दिसंबर तक राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय है. क़रीब दो दशक बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में उस समय बदलाव हो रहा है जब वह अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है.