दैनिक भास्कर ने नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट के दस मंत्रियों के ग्यारह सौ से अधिक ट्वीट्स का विश्लेषण किया है, जिसके अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इन मंत्रियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये एक भी कोविड पीड़ित को ऑक्सीजन सिलेंडर या अस्पताल बेड दिलाने में मदद नहीं की.
एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. अब मुलक्कल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नन बलात्कार मामले में 14वीं गवाह हैं.
बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रेंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को बीते अगस्त में चर्च से निष्कासित कर दिया था. सिस्टर लूसी ने अपने निष्कासन के ख़िलाफ़ वेटिकन में गुहार लगाई थी.
आरोपपत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है.
केरल के कोट्टियूर में नाबालिग से बलात्कार के दोषी पादरी पर अदालत ने दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह घटना 2016 में हुई थी और 2017 में किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया था.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में समूह ने कहा कि बलात्कार पीड़िता और पांच अन्य नन लगातार एक-दूसरे से अलग किए जाने और केरल से दूर भेजने के खतरे का सामना कर रही हैं. सरकार इन ननों को सुरक्षा मुहैया करा रही है पर अगर उन्हें दूसरे कॉन्वेंट में भेजा गया तो उनकी जान को खतरा पैदा हो सकता है.