मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम मामलों की समीक्षा बैठक में सामने आया कि राज्य में इस क़ानून के तहत बीते 10 सालों में 67,163 मामले दर्ज किए गए. सर्वाधिक 7,574 मामले 2020 में दर्ज किए गए जबकि 2018 में यह संख्या 7,125 और 2017 में 6,826 थी.