महिंदा राजपक्षे नीत एसएलपीपी ने पांच अगस्त के आम चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करते हुए संसद में दो तिहाई बहुमत हासिल किया था. इससे पहले वह दो बार श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए और तीन बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार, 225 सदस्यीय संसद में एसएलपीपी ने अकेले 145 सीटें जीतीं और सहयोगी दलों के साथ कुल 150 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह पार्टी को दो-तिहाई बहुमत मिल गया है.
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विवादास्पद क़दम उठाते हुए 26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे को बर्ख़ास्त कर दिया था और उनके स्थान पर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था जिससे इस द्वीपीय देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था.
बुधवार को संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने बताया कि 225 सदस्यीय संसद में बहुमत ने राजपक्षे के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया. इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति सिरिसेना के संसद निलंबित करने के फैसले को पलटते हुए प्रस्तावित मध्यावधि चुनाव को रोकने का आदेश दिया था.
रानिल विक्रमसिंघे ने महिंदा के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने को पूरी तरह से असंवैधानिक क़रार देते हुए कहा है कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर अपना काम करते रहेंगे.