पिछले साल सितंबर में तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा सनातन धर्म की अवधारणा पर आयोजित सम्मेलन में राज्य कैबिनेट में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू और मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है.
बीते दिनों तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित 'सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में टिप्पणियों और उक्त सम्मेलन की सीबीआई जांच की मांग की गई है.
उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए?
19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.
बताया जाता है कि सोवियत यूनियन में आप स्टालिन की आवाज़ से बच नहीं सकते थे. सड़कों पर लाउडस्पीकरों से स्टालिन की आवाज़ आपका पीछा करती रहती थी. हिटलर ने आत्मप्रचार के लिए रेडियो का कैसा इस्तेमाल किया, यह जानी हुई बात है. भारत भी अब हिटलर और स्टालिन के रास्ते चल रहा है.
हाल के महीनों में आम आदमी पार्टी की 'एकला चलो' रणनीति में बदलाव आया है, जहां अरविंद केजरीवाल ने कई विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात की है. इनमें कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल दलों के नेता भी शामिल हैं.
वीडियो: शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बीते 26 फरवरी को गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर द वायर की टीम दिल्ली के लोगों से उनकी राय जानी.
कविता कृष्णन के सवालों पर चुप्पी साधते हुए सीपीआई माले के उन्हें विदा करने के बाद बहुत सारे पुराने, निष्क्रिय ‘मार्क्सवादियों’ ने इस बात के लिए दोनों की तारीफ़ की कि उन्होंने अलग होने में ‘शालीनता दिखाई.’ ज़रूरी सवालों पर चुप रह जाना शालीनता नहीं होती, बल्कि उठाए गए सवालों पर सहमति होती है.
जोसेफ मैकार्थी और स्टालिन दोनों दुनिया के दो अलग-अलग कोनों में भिन्न समयों और बिल्कुल उलट उद्देश्यों के लिए सक्रिय रहे हैं, लेकिन इनके कृत्यों से आज के भारत की तुलना करना ग़लत नहीं होगा.
जन गण मन की बात की 285वीं कड़ी में विनोद दुआ एम. करुणानिधि और राफेल सौदे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा उठाए गए सवालों पर चर्चा कर रहे हैं.
पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे 94 वर्षीय करुणानिधि ने चेन्नई के कावेरी अस्पताल में मंगलवार शाम ली आख़िरी सांस. लंबे समय से थे बीमार. मरीना बीच पर स्मारक बनाने को लेकर शुरू विवाद हाईकोर्ट पहुंचा.
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष और करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर दुख जताया और अपील की कि पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के मद्देनज़र कोई कठोर क़दम न उठाया जाए.
असाधारण जीवन की तरह असाधारण मृत्यु ने नेताजी के इर्द-गिर्द रहस्यों का जाल-सा बुन दिया है. दुखद यह है कि जांच आयोगों के भंवरजाल में नेताजी किसी जासूसी कथा के नायक बन गए हैं.
राजनीति में परिवारवाद से दूर रहने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत दलित-पिछड़े नेतृत्व को है, लेकिन दुखद यह है कि ये ताकतें सबसे पहले अपने परिवार को ही अपनी विरासत सौंपती हैं.
तमिलनाडु विधानसभा में तोड़-फोड़ और जोरदार हंगामे के बीच विपक्षी विधायकों को सदन से बाहर करने के बाद मुख्यमंत्री इदापडी के. पलानीसामी ने बहुमत साबित किया.