दिल्ली में मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो 28 अगस्त को होना था. विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस आयुक्त से शो को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि फ़ारूक़ी 'अपने शो में हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाते हैं.' इससे पहले इसी महीने उनके बेंगलुरु में होने वाले शो को भी अनुमति न मिलने के बाद रद्द कर दिया गया था.
‘जय श्री राम सेना’ नाम के संगठन ने आरोप लगाया था कि स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने अपने कार्यक्रमों में भगवान राम एवं देवी सीता के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है. नवंबर 2021 में भी फ़ारूक़ी के बेंगलुरु में होने वाले एक शो को रद्द किया गया था.
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और मुनव्वर फ़ारूक़ी को अपने बेंगलुरु में किए जाने वाले कार्यक्रमों को अनुमति न मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इन दोनों कलाकारों को अपने हास्य कार्यक्रम भाजपा शासित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित करने के लिए न्योता दिया है.
स्टैडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का बीते दो महीने में 13वां शो है, जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गईं धमकियों के बाद रद्द किया गया है. भाजपा की हरियाणा इकाई के आईटी सेल के प्रभारी अरुण यादव ने ने कहा है कि किसी भी सूरत में इस ‘गद्दार’ का शो गुड़गांव में नहीं होने दिया जाएगा.
‘हिंदुत्ववादी’ संगठनों की अतीत की अलोकतांत्रिक करतूतों के चलते उनकी कार्रवाइयां अब किसी को नहीं चौंकातीं. लेकिन एक नया ट्रेंड यह है कि जब भी वे किसी कलाकार के पीछे पड़ते हैं, तब लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाली सरकारें, किसी भी पार्टी या विचारधारा की हों, कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में नहीं खड़ी होतीं, न ही उन्हें संरक्षण देती हैं.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.
इस साल जनवरी में भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर हिंदू देवी-देवताओं पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर इंदौर में हास्य कलाकार मुनव्वर फ़ारूक़ी और चार अन्य लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया था. फ़ारूक़ी इंदौर के केंद्रीय जेल में 35 दिन बंद रहे थे. उन्हें उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद छह फरवरी को रिहा किया गया था.
कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को 'विवादित' शख़्सियत बताया है.
पणजी के एक मॉल में होने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी के शो के आयोजकों ने बताया कि पांच सौ से अधिक लोगों द्वारा आत्मदाह की धमकी दिए जाने के बाद शो रद्द कर दिए गए हैं. बीते हफ़्ते विहिप और बजरंग दल द्वारा स्थानीय प्रशासन को धमकी देने के बाद छत्तीसगढ़ में फ़ारूक़ी का शो रद्द कर दिया गया था.
विश्व हिंदू परिषद के नेता ने रायपुर प्रशासन को धमकी देते हुए कहा कि यदि कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी के शो की अनुमति दी जाती है तो फिर वे अपने तरीके से कार्यक्रम को रोकेंगे. यह शो 14 नवंबर को होना है.
हिंदू देवी-देवताओं पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विवाद से जुड़े हास्य कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के दो और आरोपियों को जमानत मिलने के साथ अब मामले के सभी छह आरोपियों को अलग-अलग अदालतों से अंतरिम जमानत मिल चुकी है.
वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पैंतीस दिन जेल में बिताकर आए स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने रिहाई के बाद जारी अपने पहले वीडियो में कहा कि वे हमेशा दर्शकों को हंसाकर उन्हें ख़ुश करना चाहते हैं और उनका यह इरादा कभी नहीं रहा कि उनके चुटकुलों से किसी का भी दिल दुखे.
स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी और चार अन्य को हिंदू देवताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में बीते एक जनवरी को इंदौर से गिरफ़्तार किया गया था. फ़ारूक़ी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद छह फरवरी की रात को रिहा किया गया था.
मामले में सह-आरोपी सदाक़त ख़ान ने उसी आधार पर ज़मानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस आधार पर फ़ारूक़ी को चार दिन पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम ज़मानत दी गई थी. हालांकि अतिरिक्त जिला जज ने कहा कि क़ानून के तहत ज़मानत देना न्यायोचित नहीं है.