केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में ये आंकड़े उपलब्ध कराए हैं. पश्चिम बंगाल ने वित्त वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक 83.36 लाख श्रमिकों के नाम योजना से हटा दिए हैं. दिसंबर 2021 से इस राज्य को इस योजना के लिए केंद्र सरकार से धन नहीं मिला है.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना में एक कार्यक्रम में कहा कि यह एक अच्छी तरह से स्वीकार किया गया तथ्य है कि सरकारें सबसे बड़ी मुक़दमेबाज़ हैं, जो लगभग 50 प्रतिशत मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं. सीजेआई ने यह भी कहा कि अदालतों में स्थानीय भाषा का उपयोग करने जैसे सुधारों को एक दिन में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि कई तरह की अड़चनों के कारण ऐसी चीज़ों के कार्यान्वयन में समय लगता है.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार को कुलपतियों का चयन करने का अधिकार नहीं होने के कारण उच्च शिक्षा पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है. पूर्व में राज्यपाल कुलपतियों का चयन करने से पहले राज्य सरकार से परामर्श करते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ऐसा नहीं किया जा रहा.