पुस्तक समीक्षा: गौरीनाथ के ‘कर्बला दर कर्बला’ की दुनिया से गुज़रने के बाद भी गुज़र जाना आसान नहीं है. 1989 के भागलपुर दंगों पर आधारित इस उपन्यास के सत्य को चीख़-ओ-पुकार की तरह सुनना और सहसा उससे भर जाना ऐसा ही है मानो किसी ने अपने समय का ‘मर्सिया’ तहरीर कर दिया हो.
बीते शनिवार को अयोध्या में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी वाले कार्यक्रम को लेकर संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्रों ने रोष जताते हुए ऑडिटोरियम के सामने प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना था कि राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए उनकी पढ़ाई नहीं रोकी जानी चाहिए.
अगर रक्षा मंत्री को विश्वविद्यालयों में इतनी ही दिलचस्पी है तो जियो इंस्टिट्यूट पर ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दें. बहुत सी यूनिवर्सिटी में शिक्षक नहीं हैं. जो अस्थायी शिक्षक हैं उनका वेतन बहुत कम हैं. इन सब पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करें.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन से कहा कि जब अनिवार्य अटेंडेंस का मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो फिर छात्रों से हलफ़नामा लेने की क्या ज़रूरत थी.
फ़िरोज़ ख़ान पर उनके ही संगठन की एक महिला पदाधिकारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता और इस मामले की जांच के लिए बनी समिति की सदस्य रागिनी नायक ने कहा है कि अगर फ़िरोज़ पर आरोप साबित होता है तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
जेएनयू प्रशासन द्वारा उपस्थिति अनिवार्य करने के फैसले का विरोध एबीवीपी, एनएसयूआई, बापसा समेत जेएनयू के प्रमुख छात्र संगठन कर रहे हैं.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के प्रशासन के फैसले को छात्र-छात्राएं और शिक्षकों का एक समूह जेएनयू की परंपरा के ख़िलाफ़ बता रहा है.
मध्य प्रदेश में लंबे संघर्ष के बाद हुए छात्रसंघ चुनावों में आदिवासी छात्र संगठन ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. 25 महाविद्यालयों में 162 छात्र प्रतिनिधियों ने परचम लहराया है, इनमें से पचास प्रतिशत लड़कियां हैं.
लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के उलट निजी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव न करवाए जाने को चुनौती देते हुए एनएसयूआई द्वारा याचिका दायर की गयी थी.
कैंपस की कहानियां: इस विशेष सीरीज़ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता रमेश यादव अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.
वीडियो: दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पिछले 11 साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुआ. अब कुछ विद्यार्थी चाहते हैं यहां चुनाव हो. इसे लेकर छात्र-छात्राओं से बातचीत.
हम भी भारत की पहली कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश में छात्र राजनीति की दशा-दिशा पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद, एबीवीपी की जाह्नवी ओझा और पत्रकार सृष्टि श्रीवास्तव से चर्चा कर रही हैं.
एनएसयूआई के रॉकी तुसीद अध्यक्ष और कुणाल सहरावत बने उपाध्यक्ष. एबीवीपी का संयुक्त सचिव और महासचिव पद पर कब्ज़ा.