भारत में कोविड से हुईं मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से छह-सात गुनी अधिक हो सकती है: अध्ययन

टोरंटो विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल के सर्वेक्षण में पाया गया कि कोविड-19 से पिछले साल सितंबर तक क़रीब 32 लाख लोगों की मौत हुई होगी. सर्वेक्षण में तक़रीबन 1.4 लाख वयस्कों को शामिल किया गया था. अध्ययन में दो सरकारी डेटा स्रोतों के ज़रिये भारत सरकार के प्रशासनिक आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. इसमें आईआईएम अहमदाबाद और चुनाव सर्वेक्षण एजेंसी सी-वोटर भी शामिल थे.

मृत्युदंड पाए 62.2 प्रतिशत कै़दी कम से कम एक मानसिक रोग से पीड़ित: अध्ययन

दिल्ली के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आपराधिक न्याय कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने छत्तीसगढ़, दिल्ली, कर्नाटक, केरल और मध्य प्रदेश में मौत की सजा पाए 88 कै़दियों और उनके परिवारों पर अध्ययन किया. रिपोर्ट में कहा गया कि मृत्युदंड पाए जिन कै़दियों का साक्षात्कार किया गया उनमें से बहुत बड़ी संख्या में कै़दी मानसिक रोग से पीड़ित थे और 11 प्रतिशत बौद्धिक अक्षमता के शिकार थे.

2019 में भारत में स्ट्रोक के चलते हुईं क़रीब सात लाख मौतें, कुल मौतों का 7.4 फीसदी: रिपोर्ट

द लांसेट ग्लोबल हेल्थ में छपी ‘इंडिया स्टेट-लेवल डिजीज बर्डन इनीशिएटिव’ के एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में 1990-2019 के दौरान न्यूरोलॉजिकल विकारों की संख्या दोगुनी हुई है. 2019 में देश में माइग्रेन या तनाव संबंधी सिरदर्द सर्वाधिक प्रचलित विकार था, जिसने 48.8 करोड़ लोगों को प्रभावित किया.

क्या भारत में धार्मिक सहिष्णुता और घृणा साथ-साथ हैं?

वीडियो: हाल ही में प्यू रिसर्च सेंटर ने 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत के बीच 17 भाषाओं में लगभग 30,000 वयस्कों के साक्षात्कार पर आधारित एक अध्ययन जारी किया है. ‘भारत में धर्मः सहिष्णुता और अलगाव’ नाम के अध्ययन ने भारतीय समाज में धर्म की गतिशीलता में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान की है. इस विषय पर प्रो. अपूर्वानंद ने शिक्षाविद प्रताप भानु मेहता के साथ बातचीत की.