क्या असम के मुख्यमंत्री ने पत्नी के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला किया?

वीडियो: प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का स्वामित्व असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के परिवार के पास है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है​ कि इसकी एक खाद्य प्रसंस्करण परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई थी. हालांकि मुख्यमंत्री लगातार इससे इनकार कर रहे हैं.

असम सीएम ने सब्सिडी के आरोपों से फिर इनकार किया, कांग्रेस ने और दस्तावेज़ पेश किए

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने एक बार फिर उन आरोपों का खंडन किया है कि उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनी को केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली है. कंपनी के मालिकों में से एक उनकी पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के कथित मुद्दे को उजागर करने वाले कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर करेंगी.

असम के सीएम के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को केंद्र से 10 करोड़ की सब्सिडी मिलने का आरोप

प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का स्वामित्व असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के परिवार के पास है. 10 नवंबर 2022 को इसकी एक खाद्य प्रसंस्करण परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की गई थी. मुख्यमंत्री ने इससे इनकार किया है, लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब कांग्रेस ने आधिकारिक दस्तावेज़ पेश कर दिए.

नीति आयोग ने सरकार पर पीडीएस के निजीकरण, फ्री राशन का दायरा व सब्सिडी कम करने का दबाव बनाया

विशेष रिपोर्ट: दस्तावेज़ों से पता चलता है कि नीति आयोग खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के दायरे के विस्तार का प्रबल विरोधी है. इसने बार-बार ग़रीबों को सब्सिडी वाला राशन देने वाली सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली के आकार को घटाने और उसमें बड़े बदलाव लाने की कोशिश की है.

मंत्रालय के ‘किसान रेल’ पर अतिरिक्त सब्सिडी से इनकार के बाद रेलवे ने 71 करोड़ बट्टे खाते में डाले

किसानों को बाज़ार स्थलों से जोड़ने के मक़सद से अगस्त 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान 'किसान रेल सेवा' शुरु की गई थी. खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने इसमें 50 करोड़ रुपये की सब्सिडी आवंटित की थी, लेकिन कुल सब्सिडी 121.86 करोड़ रुपये होने पर उसने शेष राशि का भुगतान करने से मना कर दिया.

लोकसभा में बिजली संशोधन विधेयक पेश, विपक्ष समेत बिजली कर्मचारी व इंजीनियर विरोध में

सोमवार को विपक्ष के विरोध के बीच बिजली संशोधन विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश किया गया. वहीं, देश भर में बिजली कर्मचारियों ने विधेयक के विरोध में काम का बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारी महासंघ का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की दृष्टि से विधेयक को अलोकतांत्रिक तरीके से पेश किया गया है.

बिहार के सूखाग्रस्त किसानों को कितनी राहत देगी सरकार की सब्सिडी?

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के सूखाग्रस्त किसानों के लिए सरकार ने सब्सिडी देने की घोषणा की है, लेकिन इसके लिए ऑनलाइन आवेदन ही किया जा सकता है. वहीं अधिकांश किसानों को पता ही नहीं ऐसी कोई योजना चलाई जा रही है.