सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.
इससे पहले मई महीने में सरकार ने घरेलू स्तर पर बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी. एक सरकारी बयान के अनुसार, इस निर्णय के बाद गेहूं के आटे की विदेशी मांग में उछाल आया है.
अप्रैल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था' के निर्माण के सपने की बात की थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही केंद्र सरकार ने गेहूं, कपास, चीनी और स्टील पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बताया है कि सरकार ने चीनी मौसम 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 100 लाख मीट्रिक टन तक चीनी के निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है. ये पाबंदी यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जा रही चीनी पर लागू नहीं होगी.
गन्ने की खेती का मसला राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं आश्चर्यजनक रूप से खुद किसानों के लिए भी चुनावी मुद्दा नहीं है.