वीडियो: किसान नेता राकेश टिकैत ने द वायर से एक इंटरव्यू के दौरान पिछले 10 वर्षों की कृषि नीतियों और भारतीय किसानों की वर्तमान स्थिति, चीनी निर्यात पर प्रतिबंध और नए कॉरपोरेट ख़तरों को लेकर बातचीत की.
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गोरखपुर से लेकर कुशीनगर, देवरिया, बस्ती का इलाका गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है. गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुल सात ज़िलों में कभी 28 चीनी मिलें हुआ करती थीं, लेकिन आज 16 मिलें बंद हैं. लोगों को उम्मीद थी कि डबल इंजन की सरकार पूर्वांचल की बंद चीनी मिलों को शुरू कर इलाके में खुशहाली लाएगी, लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वी यूपी के गन्ना किसानों को उन्नत क़िस्म की प्रजाति मुहैया कराने, सूखा, जलभराव व ऊसर क्षेत्रों में उपयोगी प्रजातियों को विकसित करने जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए 1939 में गोरखपुर के कूड़ाघाट में गन्ना शोध केंद्र की स्थापना की गई. 2017 में केंद्र की ज़मीन एम्स बनाने के लिए देते हुए इसे पिपराइच स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन आज तक वहां शोध केंद्र की एक ईंट भी नहीं रखी गई है.
वीडियो: बीते दिनों केंद्र ने गन्ने का दाम बढ़ाया है. गन्ना किसानों के बकाया, अर्थव्यवस्था और ग्रामीण भारत पर इसके प्रभावों के मुद्दों पर इंद्र शेखर सिंह आईआईएम-अहमदाबाद के प्रोफेसर सुखपाल सिंह से चर्चा कर रहे हैं. साथ ही आगामी यूपी चुनाव के मद्देनज़र राज्य में गन्ने की राजनीति को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह से बातचीत.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि गन्ना किसानों को भुगतान में देरी और आज की आवश्यकताओं के अनुसार इसके मूल्य में संशोधन न करना किसानों के दुखों और कष्टों को बढ़ा रहा है और महामारी के बाद से उनके लिए स्थिति और ख़राब हो गई है.
शुगरकेन कंट्रोल ऑर्डर 1966 कहता है कि चीनी मिलें किसान को गन्ना आपूर्ति के 14 दिन के अंदर भुगतान करेंगी, यदि वे ऐसा न करें तो उन्हें बकाया गन्ना मूल्य पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा. यूपी सरकार इस नियम का पालन न तो निजी चीनी मिलों से करवा पा रही है न उसकी अपनी चीनी मिलें इसे मान रही हैं.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का मामला. पिछले महीने औरंगाबाद पुलिस ने भाजपा विधायक प्रशांत बांब और 15 अन्य के ख़िलाफ़ चीनी फैक्टरी में किसानों द्वारा जमा कराए गए नौ करोड़ से अधिक रुपये कथित रूप से दूसरों के खातों में जमा करने पर केस दर्ज किया था.
पिछले साल भी गन्ने की पेराई शुरू होने से पहले चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया थे लेकिन वह रकम इतनी अधिक नहीं थी. साल 2018-19 में राज्य मिलों पर गन्ना किसानों का 4,941 करोड़ रुपये बकाया था.
यूपी के बड़े गन्ना उत्पादक ज़िलों में से एक कुशीनगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश से हुए जलजमाव के चलते गन्ने की फसल सूखने की ख़बरें आ रही हैं. सरकारी सर्वेक्षण भी बड़े पैमाने पर फसल के नुक़सान की तस्दीक कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक किसानों को किसी तरह की मदद देने की बात नहीं कही है.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के सिलौली का है, जहां एक पचास वर्षीय किसान का शव खेत में लटका मिला. उनके परिजनों ने बताया कि वह लॉकडाउन के कारण गन्ने की फसल न बेच पाने की वजह से अवसाद में थे.
प्रवासी मज़दूरों को घर भेजने के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय से अनुरोध किया है कि इस बारे में दिशानिर्देश अप्रैल के अंत तक जारी किए जाएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल ने बताया कि सरप्लस चीनी के निर्यात के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी दी जाएगी, साथ ही डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है.
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में विपणन वर्ष 2019-20 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य को यथावत रखने का फैसला किया गया. यह वह भाव है जो मिल मालिक किसानों को देते हैं.
सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 11,082 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कर्नाटक में 1,704 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 1,338 करोड़ रुपये का बकाया है.
विधानपरिषद में शिवसेना नेता नीलम गोहरे कहा कि बीड जिले में गन्ने के खेत में काम करने वाली औरतों के गर्भाशय निकाल लिए गए ताकि माहवारी के चलते उनके काम में ढिलाई न आए और जुर्माना न भरना पड़े, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है.