उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत में स्थानीय समीकरणों के साथ-साथ भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की दलबदलू, घोसी का बाहरी और निष्क्रिय जनप्रतिनिधि की छवि ने बड़ी भूमिका निभाई है, फिर भी लोकसभा चुनाव के पहले यह चुनाव विपक्ष के इंडिया गठबंधन बनाम भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की शक्ति परीक्षण का मैदान बन गया था और इसमें ‘इंडिया’ को सफलता मिली है.
घोसी उपचुनाव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफ़े के कारण हो रहा है. चौहान उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं. सपा ने यहां से दो बार विधायक रहे सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है. ग़रीबों के लिए काम और विकास की दुहाई, हिंदुत्व और बुलडोज़र की शौर्यगाथा पर दलबदलू और बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे ने भाजपा की लड़ाई को कठिन बना दिया है.
साल 2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के समय यह पार्टी सपा के साथ गठबंधन में थी. उससे पहले एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं और अपने व्यक्तिगत अभियान के तहत धन बटोरने के चक्कर में लगे हुए हैं.
सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा ने पूर्ण बहुमत तो पा लिया है, लेकिन पिछली बार से उसकी 57 सीटें कम हो गईं, जिसका लाभ समाजवादी पार्टी को मिला है. इतना ही नहीं उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत योगी सरकार के 11 मंत्रियों का हार का सामना करना पड़ा.
यूपी में बीते कुछ चुनावों से सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला ही राजनीतिक दलों की सफलता का आधार बना है. वर्तमान चुनाव में समाजवादी पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग चर्चा में है. हालांकि जानकारों के अनुसार, पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनावों के दो अलग-अलग सपा गठबंधनों की विफलता के चलते इस बार के गठबंधन की कामयाबी को लेकर कोई सटीक दावा नहीं किया जा सकता.
साक्षात्कार: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का दावा है 20 जनवरी तक कम से कम डेढ़ दर्जन मंत्री, विधायक भाजपा से इस्तीफ़ा देंगे और समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. आगामी चुनाव के मद्देनज़र उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा से गठबंधन करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत. राजभर ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था. उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तनातनी के बाद 2019 के आम चुनाव से पहले वह पद से इस्तीफ़ा देकर भाजपा से अलग हो गए थे.
उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व सहयोगी और सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां की जनता कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा और बिस्तर के लिए तरस रही थी और वहां के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में वोट मांग रहे थे.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई या ईडी से करवाने की मांग की है.
गाजियाबाद से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामले को विधानसभा में उठाने की मांग की थी. स्पीकर से इजाज़त न मिलने के बाद 100 से अधिक भाजपा विधायकों के साथ विपक्ष के विधायक भी गुर्जर के समर्थन में धरने पर बैठ गए, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. बीते दिनों उन्हें पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया.