भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हाल में सत्तारूढ़ टीएमसी में लौटे वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को बीते नौ जुलाई को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. भाजपा के विधायकों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है.
भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हाल में सत्तारूढ़ टीएमसी में लौटे वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने लोक लेखा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. भाजपा विधायकों ने इसके विरोध में सदन से वॉकआउट किया और कहा कि पार्टी का कोई सदस्य किसी समिति की अध्यक्षता नहीं करेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी की जीत को लेकर चुनाव आयोग के फ़ैसले को अदालत में चुनौती दी है. उन्होंने मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस कौशिक चंदा द्वारा राजनीतिक पक्षपात की आशंका जताते हुए उन्हें इस केस से हटाने की मांग उठाई थी.
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दिल्ली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ बैठक को लेकर हटाने की मांग की थी. पत्र में कहा गया है कि अधिकारी और सॉलिसिटर जनरल के बीच हुई बैठक अनुचित है, क्योंकि भाजपा विधायक अधिकारी नारदा और शारदा मामलों में एक आरोपी हैं, जिनकी जांच चल रही है. नारदा मामले में मेहता सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हो रहे हैं.
ममता बनर्जी की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में जस्टिस कौशिक चंदा की पीठ को नंदीग्राम याचिका की सुनवाई सौंपने को लेकर पूर्वाग्रह की आशंका जताई गई है. टीएमसी ने जस्टिस चंदा की भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें साझा करते हुए उनकी निष्पक्षता को लेकर सवाल किए हैं.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में शुभेंदु अधिकारी पर ममता की जीत की ख़बर चलने लगी थी.
यह मामला पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के कांथी नगरपालिका प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर दर्ज किया गया है. शिकायत में कहा गया है कि 29 मई 2021 को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई सौमेंधु अधिकारी के निर्देश पर नगपालिका के ऑफिस के गोदाम से लाखों रुपये की कीमत के सरकारी तिरपाल की चोरी की गई है.
नारदा स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फ़रहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कलकत्ता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को बीते 17 मई को गिरफ़्तार किया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट के एक जज जस्टिस अरिंदम सिन्हा ने इस मामले की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि हमारा आचरण हाईकोर्ट की गरिमा के अनुरूप नहीं है और हम मज़ाक बनकर रह गए हैं.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन टेप मामले में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार में दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फ़रहाद हाकिम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को बीते 17 मई को गिरफ़्तार किया था. उन्हें उसी दिन सीबीआई की एक विशेष अदालत से ज़मानत मिल गई थी, लेकिन सीबीआई इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट चली गई, जिसने ज़मानत उसी दिन रात में ज़मानत पर रोक लगा दी.
नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार चार नेताओं में से दो- टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जेल में तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले सोमवार को निचली अदालत से मिली ज़मानत पर रोक लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को जेल भेज दिया था.
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफ़ा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमज़ोरी को नहीं दर्शाता.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
कई सालों से मोदी-शाह की जोड़ी ने चुनाव जीतने की मशीन होने की जो छवि बनाई थी, वह कई हारों के कारण कमज़ोर पड़ रही थी, मगर इस बार की चोट भरने लायक नहीं है. वे एक ऐसे राज्य में लड़खड़ाकर गिरे हैं, जो किसी हिंदीभाषी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं करता कि वे उनके राज्य को कैसे बदलने की योजना रखते हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि अधिकारी को अपने जीवन का ख़तरा था इसलिए उन्होंने फिर से मतगणना के आदेश नहीं दिए.
बंगाल के समाज के सामूहिक विवेक ने भी उस ख़तरे को पहचाना, जिसका नाम भाजपा है. तृणमूल कांग्रेस की यह जीत इसलिए बंगाल में छिछोरेपन, लफंगेपन, गुंडागर्दी, उग्र और हिंसक बहुसंख्यकवाद की हार भी है.