नसीरुद्दीन शाह से मुस्लिम समुदाय का एक हिस्सा क्यों नाराज़ है

वीडियो: तालिबान ने एक बार फिर से अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ब्ज़ा जमा लिया है. इस मुद्दे पर खास से लेकर आम लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान का समर्थन करने वाले हिंदुस्तानी मुसलमानों पर निशाना साधा है. उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जो सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो रहा है. उनके इस बयान पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

औरतों पर पाबंदियों के लिए तालिबान जिस ‘इस्लाम’ का हवाला देता है, क्या वो असल में ऐसा कहता है

इस्लाम के तमाम विचारक मानते हैं कि ज़माने और समाज में होने वाले बदलावों के साथ शरीयत के क़ानून में भी मुनासिब और ज़रूरी तब्दीलियां होती रहें और वो अपने आस-पास के हालात से भी प्रभावित होते रहें. हालांकि तालिबान ने इस्लाम और शरीयत के नाम पर उनकी सहूलियत के हिसाब से नए अर्थ निकाल लिए हैं.

हम कश्मीर समेत मुसलमानों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएंगे: तालिबान प्रवक्ता

दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि एक मुसलमान के रूप में हमारा अधिकार है कि अगर कश्मीर में, भारत में या किसी अन्य देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार किया जाता है तो हम कहेंगे कि उन्हें अधिकार देना चाहिए. हमने पहले भी कहा है और भविष्य में भी ऐसा ही कहेंगे, लेकिन हम कोई सैन्य अभियान नहीं चलाएंगे या किसी देश के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करेंगे. यह हमारी नीति नहीं है.

अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदर्शन किया

अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में गवर्नर कार्यालय के बाहर लगभग तीन दर्जन महिलाओं ने प्रदर्शन किया. रैली की आयोजकों ने कहा कि राष्ट्रीय विधानसभा और मंत्रिमंडल समेत नई सरकार में महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए. उनका कहना था कि वे महिलाओं के काम करने के अधिकार पर तालिबान सरकार से स्पष्ट जवाब की कमी से निराश होकर सड़कों पर उतरी हैं.

क्या तालिबान अब आतंकवादी नहीं रहे, मोदी सरकार ने उनसे शुरू की बातचीत

वीडियो: बीते दिनों भारत के विदेश मंत्रालय ने तालिबान के प्रतिनिधि से मुलाक़ात की आधिकारिक जानकारी दी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि क़तर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान राजनीतिक ऑफ़िस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकज़ई से मुलाक़ात की. इस मुद्दे पर हार्ड न्यूज़ के संपादक संजय कपूर और अफ़ग़ानिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत विवेक काटजू से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका की वापसी के बाद भारत व तालिबान के बीच हुई पहली औपचारिक वार्ता

पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में क़तर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. दोनों पक्षों के बीच बैठक उस दिन हुई है जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करते हुए देश में 20 साल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया है.

अफ़ग़ानिस्तान: अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाया, 20 साल पुराना युद्ध समाप्त

अफ़ग़ानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का शासन है. अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है. तालिबान नेताओं ने देश को सुरक्षित करने, हवाईअड्डे को फिर से खोलने और पूर्व प्रतिद्वंद्वियों को माफी देने का संकल्प जताया.

काबुल धमाके ने तालिबान के इस भरम को तोड़ दिया है कि वे शांति ला सकते हैं: टोलो टीवी प्रमुख

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के लोकप्रिय चैनल टोलो टीवी के प्रमुख साद मोहसेनी ने कहा कि तालिबान के लिए तो चुनौती अब शुरू हुई है क्योंकि उसे शासन करना है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए ज़रूरी कौशल और गुण उसमें नदारद हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने या नहीं देने का सवाल प्रासंगिक नहीं: भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत का पूरा ध्यान अफ़ग़ानिस्तान में फ़ंसे अपने नागरिकों को वापस लाने पर है. काबुल में किसी इकाई के सरकार बनाने को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है या स्पष्टता की कमी है और अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी.

तालिबान के बहाने निशाने पर भारतीय मुसलमान

वीडियो: जब से तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता संभाली है, हिंदुत्ववादी संगठनों और आईटी सेल के माध्यम से भारत में इस्लामोफोबिया का लगातार प्रचार किया जा रहा है और इन सबके पीछे भारतीय मुसलमानों के प्रति जवाबदेही तय की जा रही है. इस मुद्दे पर डॉ. राम पुनियानी से मुकुल सिंह चौहान की बातचीत.

काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 100 के पार, 13 अमेरिकी भी शामिल

अफ़ग़ानिस्तान पर आतंकी संगठन तालिबान के क़ब्ज़ा जमाने के बाद राजधानी काबुल स्थित हवाईअड्डे पर देश छोड़कर जाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. इस दौरान बृहस्पतिवार को हवाईअड्डे और नज़दीक के एक होटल पर दो भयावह आत्मघाती हमले हुए हैं, जिसमें कम से कम 108 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 95 अफ़ग़ान नागरिक और 13 अमेरिकी शामिल हैं. हमले के बाद शुक्रवार को देश से बाहर जाने वालों के लिए उड़ानें फिर से शुरू हो गई

अफ़ग़ानी महिला सांसद को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा, कहा- गांधी के देश से ऐसी उम्मीद नहीं थी

साल 2010 से अफ़ग़ानिस्तान के फरयाब प्रांत का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद रंगीना करगर ने कहा है कि तालिबान के क़ब्ज़े के पांच दिन बाद 20 अगस्त को वह इस्तांबुल से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची थीं, लेकिन उन्हें वहीं से वापस भेज दिया गया.

अफ़ग़ान सैनिकों की वापसी के दौरान दानिश सिद्दीक़ी को पीछे छोड़ दिया गया था: रॉयटर्स

16 जुलाई को अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की मौत हो गई थी. अब अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने उनकी मौत को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है.

वाल्मीकि की तालिबान से तुलना का आरोप: यूपी के बाद मध्य प्रदेश में मुनव्वर राना के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मशहूर शायर मुनव्वर राना पर महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने का आरोप है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केस दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश के गुना शहर में एफ़आईआर दर्ज कराई गई है. राना ने कथित तौर पर कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए. इससे पहले वह एक डकैत थे. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.

समाचार चैनल ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी जश्न बताकर चलाया पाकिस्तान का वीडियो

फैक्ट-चेक: टीवी9 भारतवर्ष चैनल ने असॉल्ट राइफलों के साथ नाचते हुए लोगों की एक वीडियो क्लिप चलाते हुए दावा किया कि ये तालिबानी हैं, जो मैदान वरदक पर क़ब्ज़े के बाद जश्न मना रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया कि मूल वीडियो पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वा में हुए एक वैवाहिक समारोह का है.