तमिलनाडु विधानसभा ने जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी

जातिगत जनगणना की मांग हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान 'इंडिया' गठबंधन द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों में से एक थी. अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जातिगत जनगणना से जुड़ा एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से सामान्य जनगणना के साथ-साथ देशव्यापी जातिगत जनगणना कराने की भी मांग की है.

राज्यपालों द्वारा बिल पास करने का समय तय करने को लेकर स्टालिन ने ग़ैर-भाजपा सीएम को पत्र लिखा

तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र और राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि सदन द्वारा पारित किए गए विधेयकों को मंज़ूरी देने के लिए राज्यपालों के लिए समयसीमा तय की जाए. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर ऐसा ही प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है.

तमिलनाडु: विधानसभा में राज्यपाल द्वारा विधेयक मंज़ूर करने की समयसीमा तय करने का प्रस्ताव पारित

तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र और राष्ट्रपति से सदन द्वारा पारित किए गए विधेयकों को मंज़ूरी देने के लिए राज्यपालों के लिए एक समयसीमा तय करने का आग्रह किया है. सितंबर 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से राज्यपाल आरएन रवि के पास राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पारित लगभग 20 विधेयक उनकी मंज़ूरी के लिए लंबित हैं.

तमिलनाडु: राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के ख़िलाफ़ पेश किया प्रस्ताव

राज्यपाल आरएन रवि और राज्य सरकार के बीच टकराव की शुरुआत रवि द्वारा प्रदेश का नाम बदलने का सुझाव देने के साथ हुई थी. बीते सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल ने सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण के कुछ अंशों को छोड़ दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस बदलाव को ख़ारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर रवि सदन से वॉकआउट कर गए.

तमिलनाडु: विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र से सीयूईटी निर्णय वापस लेने को कहा

केंद्र के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) आयोजित करने के निर्णय के ख़िलाफ़ पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि नीट की तरह यह भी विविध स्कूली शिक्षा प्रणालियों को दरकिनार कर देगा और छात्रों को प्रवेश परीक्षा के अंकों में सुधार के लिए कोचिंग सेंटरों पर निर्भर बना देगा.

दिनाकरण गुट के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट ने बरक़रार रखा

तमिलनाडु के अयोग्य ठहराए एआईएडीएमके के 18 विधायक शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरण के वफ़ादार माने जाते थे. इन विधायकों ने राज्य की पलानीस्वामी सरकार में अविश्वास जताया था, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. विधायकों ने इस फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.