उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने रमज़ान के दौरान हो रही नमाज़ के दौरान मौजूद 10 मुसलमानों को नोटिस जारी किया है. साथ ही जिस संपत्ति पर नमाज़ अदा की गई थी, उसके मालिक ज़ाकिर हुसैन को निर्देशित किया गया है कि वहां किसी भी सामूहिक प्रार्थना का आयोजन न किया जाए.
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने बजरंग दल के प्रदर्शन और धमकी के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा उनकी निजी इमारत में की जा रही सामूहिक तरावीह को रुकवा दिया. क्या अब यह सच नहीं कि मुसलमान या ईसाई का चैन और सुकून तब तक है जब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन कुछ और तय न करें? क्या अब उनका जीवन अनिश्चित नहीं हो गया है?