टीआरपी छेड़छाड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे रिपब्लिक के अधिकारी, पुलिस के सामने नहीं हुए पेश

टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य वित्तीय अधिकारी के अलावा दो अन्य चैनलों के प्रतिनिधियों को शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.

मुंबई पुलिस का दावा, रिपब्लिक समेत दो मराठी चैनलों ने की टीआरपी से छेड़छाड़

मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए कहा कि यह फ़र्ज़ी टीआरपी का मामला है, जहां टीआरपी रेटिंग्स खरीदी जा रही थीं और इस छेड़छाड़ का मुख्य कारण विज्ञापनों से मिलने वाला पैसा है. रिपब्लिक ने इन आरोपों का खंडन किया है.

न्यूज़ चैनल अब जनता के नहीं, सरकार के हथियार हैं

2019 का चुनाव जनता के अस्तित्व का चुनाव है. उसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है. जिस तरह से मीडिया ने इन पांच सालों में जनता को बेदख़ल किया है, उसकी आवाज़ को कुचला है, उसे देखकर कोई भी समझ जाएगा कि 2019 का चुनाव मीडिया से जनता की बेदख़ली का आख़िरी धक्का होगा.

क्या सत्ता के सामने भारतीय मीडिया रेंगने लगा है?

संपादकों का काम सत्ता के प्रचार के अनुकूल कंटेट को बनाए रखने का है और हालात ऐसे हैं कि सत्तानुकूल प्रचार की एक होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे हालात ये भी हो चले हैं कि विज्ञापन से ज़्यादा तारीफ़ न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाई दे जाती है.