द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी ने यह दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था कि मीडिया घरानों ने जान-बूझकर और तिरस्कारपूर्वक अदालत के पहले के आदेशों की अवहेलना की, जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित उनके ख़िलाफ़ दावों को प्रकाशित करने से रोक दिया गया था.
स्थायी ऊर्जा समाधान में अपने काम के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों के विजेता द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी पर कम से कम दो महिलाओं ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
आरके पचौरी के साथ काम कर रहीं शोधार्थी ने साल 2015 में उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. युवती ने दावा किया था कि पचौरी ने संबंध बनाने के बदले में उन्हें टेरी का कार्यकारी उपाध्यक्ष बनाने को कहा था.