अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों - एक जिप्सी और एक ट्रक - पर उस समय हमला किया, जब वे पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल की ओर जा रहे थे. पुंछ की सुरनकोट तहसील में डेरा-की-गली और बफ़लियाज़ इलाकों के बीच यह हमला हुआ, जहां हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.
इज़रायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि भारत हमारे आतंकवाद विरोधी अभियानों में मज़बूती से हमारा समर्थन कर रहा है. अब समय आ गया है कि वह हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करे. उन्होंने हमास के ख़िलाफ़ आतंकवाद विरोधी अभियानों में इज़रायल को समर्थन देने के लिए भारत को धन्यवाद दिया.
मई में एक अमेरिकी ज़िला अदालत ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वॉन्टेड पाकिस्तानी-कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राना के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. इसे राना ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में चुनौती दी थी.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार शाम आतंकवादियों ने महाराष्ट्र के रहने वाले दो मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया. बीते 13 जुलाई को भी संदिग्ध आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बिहार के रहने वाले तीन मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि तीनों घायल मजदूर बिहार के सुपौल ज़िले के रहने वाले हैं. उन्हें श्रीनगर रिफर किया गया है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस साल जम्मू कश्मीर में बाहर के श्रमिकों पर किया गया यह पहला हमला है और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर तीसरा हमला है.
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा जारी है, वहीं जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इन दोनों घटनाओं पर उन्होंने अब तक न तो कोई बयान दिया, न ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसके बारे में कोई चिंता प्रकट की है.
26 अप्रैल की सुबह जम्मू के 55 वर्षीय मुख़्तार हुसैन शाह नार के गवर्नमेंट हाईस्कूल के पास बेहोशी की हालत में पाए गए थे, अस्पताल ले जाने के बाद उनकी मौत हो गई. बताया गया है कि उन्होंने कोई ज़हरीला पदार्थ खाया था. उनके परिवार का दावा है कि बीते दिनों पुंछ में सेना के एक वाहन पर हुए आतंकी हमले के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस द्वारा उन्हें बार-बार बुलाया जा रहा था.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में यह टिप्पणी हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की मौत को लेकर की है. कहा गया है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात होती है तो उन्हें गौतम बुद्ध की शांति की शिक्षा याद आती है.
जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में बीते रविवार को आतंकवादियों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस तरह इस आतंकी हमले में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगों का दावा है कि सुरक्षा चूक के कारण विस्फोट की यह घटना हुई.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए हैं. इस हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं.
बीते 12 मई को बडगाम ज़िले के चादूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद घाटी से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
मंगलवार को शोपियां में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई. इसके बाद कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए केवल एक ही विकल्प बचा है कि घाटी छोड़ दें या फिर धार्मिक कट्टरपंथियों के हाथों मार डाले जाएं.
शोपियां ज़िले में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई और एक घायल हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद कश्मीर में रविवार और सोमवार को चार हमले हुए, जिनमें दो पुलिसकर्मी मारे गए और दो अन्य लोग घायल हो गए.
एनआईए ने 27 अक्टूबर 2013 को बिहार की राजधानी पटना में नरेंद्र मोदी की एक चुनावी रैली के स्थान पर हुए इन विस्फोटों के सिलसिले में कुल 11 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया था. किसी आतंकवादी संगठन ने इस घटना की ज़िम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन संदेह था कि इस घटना के पीछे प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है.
पुलवामा ज़िले के अवंतीपोरा इलाके के हरिपारिगाम में हुई घटना. सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक किसी आतंकवादी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. जम्मू कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है.