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यौन उत्पीड़न के मामलों में सबसे आवश्यक माना जाता है कि अगर आरोपी किसी संस्था में निर्णयकारी स्थिति में है, तो वहां से उसे हटाया जाए. पिछले दिनों ऐसे कितने ही प्रसंग हमारे सामने आए जिनमें संस्था के प्रमुखों को कार्य से मुक्त किया गया. निष्पक्षता की यह पहली शर्त मानी जाती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जुड़े इस विशेष मामले में ऐसा नहीं हुआ.
म्यांमार के रखाइन में सैन्य कार्रवाई के दौरान रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचारों की रिपोर्टिंग करते हुए 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्याव सोए ओ को सरकारी गोपनीयता क़ानून तोड़ने के लिए पिछले साल सितंबर में सात-सात साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी.
कार्यकर्ताओं ने कहा, 'आज एक अंधकारमय और दुखद दिन है. सुप्रीम कोर्ट ने हमें बताया है कि जब बात अपने पर आती है तो, ताकत का असंतुलन मायने नहीं रखता, तय प्रक्रिया मायने नहीं रखता और न्याय के बुनियादी मानदंड मायने नहीं रखते हैं.'
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुल 52 महिलाओं और तीन पुरुषों को सुबह 10.45 बजे से हिरासत में लिया गया है और पुलिस ने बताया है कि उन्हें 'ऊपर से आदेश' आने के बाद रिहा किया जाएगा.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'हम अपने आदेश की समीक्षा करने के लिए इच्छुक नहीं हैं.'
इन दोनों फैसलों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक आठ मामलों में क्लीनचिट मिल चुकी है.
मोदी सरकार के पांच सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट डरा हुआ, बंटा हुआ और कमज़ोर नज़र आता है, जो एक ताकतवर केंद्र सरकार को चोट पहुंचाने से बचता हुआ दिखता है.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने सीजेआई को क्लीनचिट दे दी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण उनके समर्थकों में हिट हो सकते हैं मगर तटस्थ, विरोधी और नए मतदाताओं को लुभाने वाले कतई नहीं हैं.
यह घटना एक मई को महाराष्ट्र के अहमदनगर के निघोई गांव में हुई. गर्भवती युवती की अस्पताल में मौत. 50 प्रतिशत तक जल चुके युवक का चल रहा है इलाज. दोनों ने पिछले साल अक्टूबर में अंतरजातीय विवाह किया था. लड़की के घरवाले शादी के ख़िलाफ़ थे.
सुप्रीम कोर्ट के महासचिव द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'आंतरिक समिति ने पाया कि 19 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई दम नहीं है.'
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि 2014 में मोदी अच्छे दिन के वादे के साथ सत्ता में आए थे. उनका पांच साल का कार्यकाल भारत के युवाओं, किसानों, व्यापारियों और हर लोकतांत्रिक संस्था के लिए सर्वाधिक त्रासदीपूर्ण और विनाशकारी रहा है.
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श्रीनगर की एक स्थानीय महिला से दोस्ती रखने के दोषी मेजर लीतुल गोगोई के कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया इस साल मार्च में पूरी हुई थी. 2017 में एक युवक को सेना की जीप के बोनट पर बांधकर घुमाने की वजह से गोगोई विवादों में आए थे.