इज़रायल स्थित एनएसओ ग्रुप के स्पायवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर समानांतर वाद-विवाद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत वाद-विवाद की विरोधी नहीं है, लेकिन जब मामला अदालत में लंबित है तो इस पर चर्चा यहीं होनी चाहिए.
31 अगस्त, 2019 को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित करने से पहले दावे एवं आपत्ति की प्रक्रिया के दौरान 27 लाख से ज्यादा आवेदकों की बायोमेट्रिक जानकारी एकत्रित की गई थी. एनआरसी की चल रही प्रक्रिया लंबित होने की वजह से इन आवेदकों के आंकड़ों को फ्रीज कर दिया गया है, जिसकी वजह से वे आधार नंबर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
याचिकाकर्ता महिला ने जीपीएससी के उस फ़ैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बिक्री कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई थी, जो उनकी तीसरी वरीयता थी, जबकि सामान्य वर्ग में 110वीं रैंक लाने वाली महिला की पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी, जो याचिकाकर्ता की पहली वरीयता थी.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में जनवरी 2017 से जून 2021 के दौरान महिलाओं की हत्या के 2,663 मामले दर्ज किए गए हैं. इस अवधि में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 37 मामले दर्ज किए गए.
एनआईए ने ‘ड्राफ्ट’ आरोपों में आरोपियों के ख़िलाफ़ 17 आरोप तय किए गए हैं और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का अनुरोध किया गया है. बचाव पक्ष के वकीलों ने सोमवार को अदालत से अनुरोध किया कि उनके ख़िलाफ़ आरोप तय करने से पहले आरोपियों द्वारा दाख़िल कई अर्ज़ियों पर सुनवाई की जाए और उनका निपटारा किया जाए.
पिछले महीने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा एक ऐप बनाए जाने का मामला सामने आया था, जहां मुस्लिम महिलाओं को ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए रखा गया था. इस संबंध में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की थी.
विश्वविद्यालय में यह तर्क नहीं चल सकता कि चूंकि पैसा सरकार (जो असल में जनता का होता है) देती है, इसलिए विश्वविद्यालयों को सरकार की तरफ़दारी करनी ही होगी. बेहतर समाज के निर्माण के लिए ज़रूरी है कि विश्वविद्यालय की रोज़मर्रा के कामकाज में कम से कम सरकारी दख़ल हो.
नैनीताल के मल्लीताल से क़रीब आठ सौ मीटर दूर स्थित सूखाताल नैनी झील के कैचमेंट के तेरह रिचार्ज ज़ोन में सबसे महत्वपूर्ण है. कुमाऊं मंडल विकास निगम व नैनीताल ज़िला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा यहां पर्यटन के उद्देश्य से करवाए रहे निर्माण कार्य से नैनी झील के लिए संकट उत्पन्न होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
पेगासस जासूसी विवाद एवं कृषि क़ानूनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों ने मिलकर तीन मिनट का एक वीडियो बनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को सुने.
असम और मिज़ोरम के पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष के 13 दिन बाद रविवार को देश के बाकी हिस्सों से पहुंचने वाले ट्रक असम के साथ लगी विवादित सीमा से मिज़ोरम में प्रवेश कर पाए. असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा है कि पटरियों की मरम्मत के बाद रेल सेवा भी बहाल कर दी जाएगी.
सीबीआई ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर कथित रूप से मानहानिकारक सामग्री डालने के मामले में 16 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद नंदीगाम सुरेश और एक अन्य नेता की भूमिका जांच के दायरे में है.
गुर्दे में संक्रमण से जूझ रहे अनुपम श्याम को पिछले सप्ताह मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. धारावाहिक ‘मन की आवाज़: प्रतिज्ञा’ के किरदार सज्जन सिंह के नाम से मशहूर श्याम फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ और ‘बैंडिट क्वीन’ का भी हिस्सा रहे हैं.
ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी पूर्व भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि खिलाड़ी अपने बलबूते, संघर्ष कर के पहचान बनाते हैं तब जाकर उन्हें किसी से मदद मिलती है, जबकि होना यह चाहिए कि ज़मीनी स्तर पर ही ध्यान देकर प्रतिभा की पहचान की जाए. ज़मीनी स्तर पर सही व्यवस्था नहीं होने के कारण ज़्यादातर प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं.
सातताल झीलों से घिरा एक छोटा-सा पर्यटन स्थल है, जहां कुमाऊं मंडल विकास निगम और नैनीताल ज़िला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित सौंदर्यीकरण के चलते कई निर्माण कार्य होने हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा करना यहां के प्राकृतिक स्वरूप और जैव विविधता के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.