हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ के आयोजन के दौरान निजी लैब द्वारा कोरोना टेस्ट की फ़र्ज़ी रिपोर्ट जारी करने का मामला सामने आया था. ईडी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा झूठी निगेटिव रिपोर्ट के कारण, उस समय हरिद्वार में संक्रमण दर 0.18 प्रतिशत दिखाया गया जबकि वास्तव में वह 5.3 प्रतिशत था.
उत्तराखंड की स्थापना करने वाली भाजपा के माथे पर सबसे बड़ा दाग़ यह लगा है कि भारी बहुमत से सरकार चलाने के बावजूद उसने दस साल के शासन में राज्य पर सात मुख्यमंत्री थोप डाले. पार्टी की नाकामी यह भी है कि अब तक उसका कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका.
पुष्कर सिंह धामी बीते चार महीनों में उत्तराखंड भाजपा की ओर से चुने गए तीसरे मुख्यमंत्री हैं. 45 वर्षीय धामी राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं. धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरक़रार रखा गया है और एकमात्र बदलाव यही किया गया है कि सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. मंत्रिमंडल में अभी कोई भी राज्य मंत्री नहीं है.
खटीमा से भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे. उनका शपथ ग्रहण समारोह रविवार को होगा. उत्तराखंड भाजपा ने पिछले चार महीने में राज्य के लिए तीसरा मुख्यमंत्री चुना है. इससे पहले बीते शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. बीते नौ मार्च को उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री चुना गया था. उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते नौ मार्च को पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. नियमों के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्यों के विधायी सदनों में ख़ाली सीटों के रिक्त होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनाव द्वारा भरने के लिए अधिकृत है. तीरथ सिंह
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीते 17 जून को कहा था कि कोरोना संक्रमण की फ़र्ज़ी टेस्ट रिपोर्ट जारी होने का मामला उनसे पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुआ था. कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन किया गया था.
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हर चुनाव जनमानस में व्याप्त अवधारणा से जीता जाता है. चार साल में अराजक तरीके से जिस तरह से उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार चली, उसके चलते कुछ महीने बाद होने वाले चुनावों में भाजपा की डगमगाती नैया को अकेले तीरथ सिंह रावत कैसे पार लगा पाएंगे?
उत्तराखंड में हुए हालिया कुंभ मेले के पुलिस महानिरीक्षक ने बताया है कि वहां 12 अप्रैल को इक्कीस लाख, 13 अप्रैल को क़रीब तीन लाख और 14 अप्रैल को लगभग बारह लाख श्रद्धालु एकत्र हुए थे. यह संख्या राज्य सरकार द्वारा इससे पहले दिए इन तीन दिनों के कुल आंकड़े 49 लाख से काफ़ी कम है.
अमूमन कुंभ मेला हर बारह साल पर लगता है, लेकिन इस बार हरिद्वार में हुआ कुंभ पिछली बार हुए आयोजन के ग्यारह साल बाद हुआ क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से कहीं अधिक ज़रूरी ज्योतिषियों को ख़ुश रखना था.
उत्तराखंड के चमोली ज़िले के पास नीति घाटी के सुमना क्षेत्र में शुक्रवार को एक ग्लेशियर के टूटने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई. भारतीय सेना ने शनिवार को शवों को बरामद किया और 384 अन्य लोगों को बचाने में कामयाब रही, जो शुक्रवार शाम तक इस क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन के शिविर में काम कर रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने से पहले याद कर लें कि जिस समय वे कुंभ में जमावड़े से बचने की अपील कर रहे थे, उसी समय बंगाल में अपनी सभाओं में जनता को आमंत्रित कर रहे थे. क्या वह भीड़ संक्रमण से सुरक्षित है? क्या यह अधिकार प्रधानमंत्री, उनके गृह मंत्री को है कि वे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उस संक्रमण का पूरा इंतज़ाम करें? क्या यह राष्ट्रीय आपदा क़ानून के तहत अपराध नहीं है?
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना करते हुए पूछा गया था कि कुंभ की भीड़ कोरोना को और बढ़ा सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि यह बारह साल में एक बार आता है और लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है. बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1,086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं.
उत्तराखंड के हरिद्वार शुरू हुए कुंभ के पुलिस महानिरीक्षक ने आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत संघ संचालक और प्रांत कार्यवाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कोरोना के चुनौती के मद्देनज़र सहायता की आवश्यकता है.
आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.