सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले के ख़िलाफ़ दायर याचिकाएं सुन रहा था जिसमें कहा गया था कि टैक्स छूट के लिए किसी संस्था की गतिविधियों की जांच की ज़रूरत होगी. शीर्ष अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि कोई चैरिटेबल संस्थान को आयकर राहत तब मिलेगी जब वह किसी लाभकारी गतिविधि में संलग्न न हो.