वीडियो: सर्दियों की दस्तक के साथ ही दिल्ली-एनसीआर समेत समूचा उत्तर भारत वायु प्रदूषण की ज़द में आ जाता है. हर साल सरकारें क़दम उठाने की बात कहती हैं लेकिन कुछ ख़ास नहीं बदलता. समाधान क्या है? इस बारे में पर्यावरण पर काम करने वाली स्वतंत्र संस्था 'एनवायरोकैटलिस्ट' के संस्थापक और लीड एनालिस्ट सुनील दहिया और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
साल 2016 में जहरीली हवा से दुनिया भर के तकरीबन छह लाख बच्चों की मौत. इस तरह की हर पांच बच्चों की मौत में एक बच्चा भारतीय होता है.
जिस हवा में भारतीय सांस लेते हैं, वह दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है. एक नए शोध में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण हर दिन औसतन दो लोग मारे जाते हैं.