केंद्र के सरकारी कर्मियों को विरोध प्रदर्शन से रोकने वाले निर्देश की आलोचना में ट्रेड यूनियन

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर में केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिया गया है कि विरोध प्रदर्शन समेत किसी भी रूप में हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के ख़िलाफ़ वेतन में कटौती के अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.

केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा

केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियन के एक महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि नई पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में आपदा के समान है.

रक्षा कर्मचारियों के संघों का प्रदर्शन, एनपीएस ख़त्म कर पुरानी पेंशन योजना शुरू करने की मांग

रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एआईडीईएफ के बैनर तले करीब 3,000 असैन्य रक्षाकर्मियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की और कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत बहुत ही कम पेंशन मिल रही है.

केंद्र की नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठन दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे, बैंकों एवं परिवहन पर असर

देश भर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. यह हड़ताल कर्मचारियों, किसानों एवं आम आदमी के ख़िलाफ़ सरकार की कथित ग़लत नीतियों के विरोध में बुलाई गई है. केरल सरकार के आदेश के बावजूद राज्य के सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति कम रही. सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण की योजना को रोकने की मांग कर रहे बैंकिंग कर्मचारी संगठनों ने भी इसमें भाग लिया. हड़ताल से सरकारी उपक्रमों- सेल, आरआईएनएल और एनएमडीसी संयंत्रों

व्यापार संगठनों द्वारा जीएसटी की समीक्षा को लेकर बुलाए गए भारत बंद का मिला-जुला असर

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि एक मार्च से जीएसटी संबंधित मुद्दों को लेकर विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्रियों को लक्ष्य कर एक आक्रामक अभियान शुरू किया जाएगा. ट्रांसपोर्टरों ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.

मज़दूर संगठनों ने सरकार से चार श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन पर रोकने की मांग की

केंद्र सरकार श्रम संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे रहा है. दस केंद्रीय मज़दूर संगठनों की संयुक्त मंच द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सभी चार संहिताओं को रोक दिया जाना चाहिए और फिर इन श्रम संहिताओं पर केंद्रीय मज़दूर संगठनों के साथ सच्ची भावना से द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय बातचीत होनी चाहिए.

श्रमिक संगठनों ने पेट्रोलियम मंत्री से बीपीसीएल के निजीकरण पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया

श्रमिक संगठनों ने सरकार के हवाई अड्डों के निजीकरण और भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में भी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव की आलोचना की है.

ट्रेड यूनियनों ने प्रदर्शन करने वालों के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को लेकर अमित शाह को लिखा पत्र

बीते नौ अगस्त को ट्रेड यूनियनों ने श्रम नीति, विनिवेश और निजीकरण के ख़िलाफ़ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था. प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 नियमों को उल्लंघन करने के आरोप में कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

केंद्रीय श्रम संघों की मांग, जरूरतमंद परिवारों को 7500 रुपये की मदद दे सरकार

इन संगठनों ने आवागमन पर लागू प्रतिबंध में फंसे श्रमिकों को मुफ्त यात्रा की व्यवस्था किए जाने और सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने की भी मांग की है.