शनिवार (20 जुलाई) और रविवार (21 जुलाई) को तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं, जिनके कारण रेल यातायात बाधित रहा.
रेलवे की सुरक्षा श्रेणी में 1.52 लाख पद ख़ाली, दो सालों में सुरक्षा संबंधी ख़र्च 2.5 गुना बढ़ा: रिपोर्ट
रेलवे के सुरक्षा श्रेणी के पद सीधे तौर पर रेलगाड़ियों के संचालन से जुड़े होते हैं. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में रेल मंत्रालय ने बताया है कि सुरक्षा श्रेणी के करीब 10 लाख स्वीकृत पदों में से इस साल मार्च तक 1.5 लाख से अधिक पद रिक्त थे.
वीडियो: बीते 2 जून को ओडिशा में तीन ट्रेनों की टक्कर से हुई भीषण दुर्घटना के संबंध में रेल मंत्रालय ने अपनी एक प्रारंभिक रिपोर्ट में सिग्नल की गड़बड़ी को इसका कारण बताया है. हालांकि जिन पांच अधिकारियों ने ये रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें से एक ने इस पर अपनी असहमति ज़ाहिर की है. अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस दुर्घटना को लेकर कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है.
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की संसद में पेश की गई वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच की एक ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि ट्रेन के पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक ‘पटरियों के रखरखाव’ से संबंधित है. वहीं, ट्रैक नवीनीकरण कार्यों के लिए धन के आवंटन में कमी आई है और आवंटित धन का भी पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया है.
रविवार तड़के चार बजे हुए इस हादसे में कम से कम 29 लोग घायल हो गए हैं. मृतकों के परिजनों के लिए रेल मंत्रालय ने पांच लाख रुपये जबकि बिहार सरकार ने चार लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की.
यूपी में पिछले एक महीने से कम समय में तीसरा हादसा, अब तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.