मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा करते हुए कहा कि यह फ़र्ज़ी टीआरपी का मामला है, जहां टीआरपी रेटिंग्स खरीदी जा रही थीं और इस छेड़छाड़ का मुख्य कारण विज्ञापनों से मिलने वाला पैसा है. रिपब्लिक ने इन आरोपों का खंडन किया है.