सूरत कोर्ट में राहुल गांधी की अपील सुनने वाले जज फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले में अमित शाह के वकील थे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत की अदालत में मोदी सरनेम मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि और सज़ा के ख़िलाफ़ अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई सूरत के अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश रॉबिन पॉल मोगेरा कर रहे हैं. जज मोगेरा वकील के तौर पर 2006 तुलसीराम प्रजापति फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी किए गए सभी 22 लोगों को भेजा नोटिस

सोहराबुद्दीन शेख़ को वर्ष 2005 में कथित तौर पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारा गया था. वर्ष 2018 में एक विशेष अदालत ने गुजरात और राजस्थान के पुलिस अधिकारियों सहित 22 लोगों को इस मामले में बरी कर दिया था.

सोहराबुद्दीन के भाई ने गृह मंत्रालय, सीबीआई से आरोपियों को बरी करने के ख़िलाफ़ अपील करने को कहा

सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में बीते साल 21 दिसंबर को सीबीआई अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया था. आरोपियों में अधिकतर गुजरात और राजस्थान के जूनियर स्तर के पुलिस अधिकारी शामिल थे.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सभी 22 आरोपी बरी

सोहराबुद्दीन हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आधार चश्मदीद गवाह थे, जो अपने बयान से मुकर गए. नवंबर 2017 से शुरू हुई सुनवाई में 210 गवाहों की जांच की गई, जिनमें से 92 अपने बयान से पलट गए.

अमित शाह का पीछा करती फ़र्ज़ी एनकाउंटर की ख़बरें और ख़बरों से भागता मीडिया

क्या अमित शाह कभी सोचते होंगे कि हरेन पांड्या की हत्या और सोहराबुद्दीन-कौसर बी-तुलसीराम एनकाउंटर की ख़बर ज़िंदा कैसे हो जाती है? अमित शाह जब प्रेस के सामने आते होंगे तो इस ख़बर से कौन भागता होगा? अमित शाह या प्रेस?

अमित शाह व डीजी वंजारा तुलसीराम प्रजापति हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता: मुख्य जांच अधिकारी

तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस के मुख्य जांच अधिकारी संदीप तमगड़े ने सीबीआई कोर्ट को बताया कि अमित शाह और डीजी वंजारा, दिनेश एमएन और राजकुमार पांडियन जैसे आईपीएस अधिकारी इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे.

सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर से अमित शाह को राजनीतिक और आर्थिक फायदा हुआ: पूर्व जांच आधिकारी

सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में पूर्व मुख्य जांच अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने बताया कि अमित शाह को इस मामले में 70 लाख का भुगतान किया गया था. पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी (उदयपुर) दिनेश एमएन, पूर्व एसपी (अहमदाबाद) राजकुमार पांडियन और पूर्व डीसीपी (अहमदाबाद) अभय चूड़ास्मा को भी फायदा हुआ था.

सोहराबुद्दीन के भाई ने कहा, प्रजापति ने मुझे उसके फर्जी एनकाउंटर के बारे में बताया था

सोहराबुद्दीन शेख़ के भाई रुबाबुद्दीन ने अदालत को बताया कि तुलसीराम प्रजापति ने उसे बताया था कि उसके भाई को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा गया है. सोहराबुद्दीन के साथी प्रजापति की भी 2006 में एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मौत हुई थी.