सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं, जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों.
मीडिया बोल की 96वीं कड़ी में उर्मिलेश लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न चैनलों को दिए गए साक्षात्कारों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव से चर्चा कर रहे हैं.
आखिर क्या बात है कि खेती-किसानी हो, अर्थव्यवस्था के दूसरे हिस्से हों, विश्वविद्यालय हों या स्कूल, हिंदी अख़बारों या चैनलों से हमें न तो सही जानकारी मिलती है, न आलोचनात्मक विश्लेषण? क्यों सारे हिंदी जनसंचार माध्यम सरकार की जय-जयकार में जुट गए हैं?
जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, नफ़रत का माहौल बनाने में मीडिया की भूमिका का ज़िक्र ख़ासतौर पर होगा.
द वायर हिंदी के दो साल पूरे होने पर आयोजित द वायर डायलॉग्स में पत्रकार रवीश कुमार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद किस तरह मीडिया असली मुद्दे से हटकर राजनीति करने पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है, मीडिया बोल की 87वीं कड़ी में उर्मिलेश वकील एमएम अंसारी और वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं.
सेट टॉप बॉक्स में नई चिप लगने के बाद सभी ग्राहकों का डेटा सरकार हासिल कर सकेगी, लेकिन इसके लिए ग्राहकों से कोई मंज़ूरी नहीं ली जाएगी. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार बन गई है निगरानी सरकार.
मीडिया से सवाल पूछने की बात करना बेकार है क्योंकि वह सवाल पूछना भूल चुकी है.