किसी एक पत्रकार को तब कितना अकेलापन लगता होगा जब उसके सारे हमपेशा ख़ुद को राष्ट्रनिर्माता या राष्ट्ररक्षक मान बैठे हों! रवीश कुमार इसी बढ़ते अकेलेपन के बीच उसी को अपनी शक्ति बनाकर काम करते रहे.
रिपब्लिक टीवी की संवाददाता रेयान स्कूल में मारे गए प्रद्युम्न के पिता से एक लाइव इंटरव्यू के दौरान अशोभनीय व्यवहार करती नज़र आ रही हैं.